
उत्तर प्रदेश (बुलंदशहर) के फराना गांव के युवा कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी की कहानी दिल दहला देने वाली है। 22 साल के बृजेश सोलंकी प्रदेशस्तरीय कबड्डी खिलाड़ी थे। राज्य चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता बृजेश सोलंकी प्रो कबड्डी लीग में चुने जाने का सपना देख रहे थे। बृजेश ने मार्च 2025 में गांव की नाली से एक पिल्ले को बचाया, लेकिन पिल्ले ने उनके हाथ की अंगुली काट ली। बृजेश ने चोट को मामूली समझा। उन्होंने रैबीज का टीका नहीं लगवाया और वह सामान्य दिनचर्चा और कबड्डी की प्रैक्टिस में व्यस्त हो गए।
जानकारी के मुताबिक खुर्जा नगर कोतवाली क्षेत्र के फराना गांव के निवासी सोलंकी को दो महीने पहले एक पिल्ले ने काट लिया था, लेकिन उसने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसके बाद 28 जून को अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. सोलंकी के भाई संदीप ने बताया कि उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन काफी प्रयास के बावजूद बचाया नहीं जा सका.
तीन भाइयों में सबसे छोटा था कबड्डी खिलाड़ी
संदीप ने बताया कि करीब दो महीने पहले, एक पिल्ला नाले में फंस गया था. उसे बचाने की कोशिश में पिल्ले ने बृजेश की उंगली पर काट लिया. संदीप के मुताबिक उसने (सोलंकी ने) सोचा कि यह गंभीर नहीं है और उसने एंटी-रेबीज का टीका नहीं लगवाया.