छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने DJ की तेज आवाज से छज्जा गिरने के मामले को जनहित याचिका मानकर की सुनवाई
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में DJ की तेज आवाज से छज्जा गिरने से बच्चे की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने इसे जनहित याचिका मानकर सुनवाई की। इस दौरान एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल एन. भारत ने अदालत में तर्क दिया कि DJ की आवाज से नहीं, बल्कि DJ के टकराने से छज्जा गिरा है।
इस पर चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “क्या आपने घर बनवाने का ठेका ले लिया है?” इसके साथ ही बिलासपुर कलेक्टर को शपथपत्र पेश करने का आदेश दिया गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।
क्या है DJ से छज्जा गिरने का पूरा मामला?
30 मार्च को मल्हार के केंवटपारा में एक शादी समारोह के दौरान DJ की तेज आवाज से मकान का छज्जा गिर गया, जिससे 4 बच्चे समेत 10 लोग घायल हो गए। इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई। मीडिया में आई खबरों पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया।
पुलिस ने इस मामले में DJ संचालक, ड्राइवर और आयोजकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया। फिलहाल DJ संचालक और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि आयोजकों में चार लोग नामजद हैं, जो घटना के बाद से फरार हैं।
FIR में छज्जा गिरने का कारण बदलने का आरोप
पुलिस ने दर्ज FIR में दावा किया है कि DJ के तेज आवाज से नहीं, बल्कि मेटाडोर में रखे DJ के बॉक्स के टकराने से छज्जा गिरा। इस दावे पर वकीलों ने सवाल उठाए और कहा कि अगर यह हादसा वाहन के टकराने से हुआ, तो जिम्मेदार सिर्फ गाड़ी का ड्राइवर होता, लेकिन पुलिस ने DJ संचालक और आयोजकों को भी आरोपी बनाया है।
हाईकोर्ट के एडवोकेट विनय दुबे का कहना है कि DJ की आवाज ही हादसे की असली वजह थी, लेकिन पुलिस जानबूझकर DJ संचालकों को बचाने का प्रयास कर रही है।
पुलिस की मंशा पर उठे सवाल
हाईकोर्ट के क्रिमिनल केस विशेषज्ञ एडवोकेट समीर सिंह ने कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज FIR में आरोपियों को बचाने की कोशिश की गई है। ट्रायल के दौरान इस FIR का फायदा आरोपियों को मिल सकता है, जिससे वे आसानी से बच निकलेंगे।
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद DJ पर रोक नहीं
हाईकोर्ट ने पहले ही कानफोड़ू DJ पर प्रतिबंध लगाने के सख्त आदेश दिए हैं, लेकिन अब तक इसका पालन नहीं हो रहा। शादी समारोह और अन्य आयोजनों में अब भी तेज आवाज में DJ बजाए जा रहे हैं।
6 महीने पहले जिला प्रशासन ने निगरानी टीम बनाई थी, जिसे DJ संचालकों पर नजर रखने और तेज आवाज में बजने पर DJ जब्त करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन जमीन पर कोई ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है।
ग्रामीणों ने भी DJ की तेज आवाज को ही हादसे की असली वजह बताया है। अब देखने वाली बात होगी कि 15 अप्रैल को हाईकोर्ट क्या फैसला सुनाता है और DJ पर रोक लगाने के आदेश को कितना सख्ती से लागू किया जाता है।