ठाकुरटोला की ऐतिहासिक मंडीप खोल गुफा का निरीक्षण, प्रशासनिक तैयारियाँ तेज
छुईखदान विकासखंड के ग्राम ठाकुरटोला स्थित मंडीप खोल गुफा में आगामी धार्मिक आयोजन से पहले जिला प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। मंगलवार को जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल ने स्वयं गुफा स्थल पहुंचकर व्यवस्थाओं का मुआयना किया।

गौरतलब है कि यह गुफा अक्षय तृतीया के पश्चात पहले सोमवार को आम श्रद्धालुओं के लिए खोली जाती है। प्राकृतिक जंगलों के बीच स्थित यह स्थल धार्मिक आस्था के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी रखता है।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था, मार्ग सुधार और दर्शनार्थियों के लिए मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता देने की बात कही। जनपद सीईओ रवि को गुफा मार्ग की मरम्मत और साफ-सफाई समयसीमा में पूरी करने के निर्देश दिए गए, जबकि एसडीएम अविनाश ठाकुर को चेतावनी संकेत और प्रवेश द्वार की स्थापना सुनिश्चित करने को कहा गया।
स्वास्थ्य विभाग को मेला स्थल पर प्राथमिक उपचार सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। साथ ही स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर गाइड के रूप में नियोजित किए जाने की योजना पर भी चर्चा हुई।
भीड़ प्रबंधन के मद्देनजर पुलिस विभाग को सजग रहने के निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग को निर्देशित किया गया कि श्रद्धालुओं की कतारों को सुव्यवस्थित करने के लिए बांस-बल्लियों की मदद से बेरिकेडिंग की जाए।
16 बार नदी पार करनी
ठाकुरटोला के जमींदार और पुजारी ने गुफा से जुड़ी ऐतिहासिक जानकारी साझा करते हुए बताया कि यहाँ पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को 16 बार नदी पार करनी होती है। रियासत काल से जुड़ी यह परंपरा आज भी जीवित है और पूजा का आरंभ जमींदार परिवार द्वारा ही होता है।
गुफा के समीप स्थित सेतगंगा कुंड को गंगा की तरह पवित्र माना जाता है और यह माना जाता है कि इसका जल कभी प्रदूषित नहीं होता। वहीं निकटस्थ चमगादड़ गुफा, जो दिन में भी अंधेरे में डूबी रहती है, हजारों चमगादड़ों का निवास स्थल है।
कलेक्टर श्री चंद्रवाल ने कहा कि “खैरागढ़-छुईखदान-गंडई बेल्ट में पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं। इसे विकसित करने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है।”
इस निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत सीईओ प्रेम कुमार पटेल, वन विभाग, पुलिस विभाग के अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।