दुर्ग: Online सट्टा ऐप मामले में नौ माह से फरार गोविंदा चौहान ने बुधवार को दुर्ग न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। वहीं, उसका साथी रविकांत मिश्रा पहले ही जमानत पर रिहा हो चुका है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, फरारी के दौरान गोविंदा भिलाई-दुर्ग क्षेत्र में ही छिपा रहा और अचानक कोर्ट में पेश होकर सबको हैरान कर दिया। अब सुपेला पुलिस उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
पुलिस के अनुसार, गोविंदा चौहान और रविकांत मिश्रा के बैंक खातों से 1 करोड़ 65 लाख रुपये का लेन-देन हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने इन खातों को फ्रीज कर दिया था। सुपेला थाने में अपराध दर्ज होने के बाद दोनों लंबे समय से फरार थे। रविकांत मिश्रा को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई। वहीं, गोविंदा चौहान लगातार फरार चल रहा था।
मीडिया कर्मी बनकर की ठगी
गोविंदा और रवि स्वयं को मीडिया कर्मी बताकर लोगों को ठगते थे। शिकायतकर्ता धीरज महतों और मुकेश तांडी ने पुलिस को बताया कि दोनों उनकी चाय की दुकान पर आया करते थे। यहीं से उनकी धीरज के साथ जान-पहचान हुई। दोनों ने सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने का लालच देकर धीरज और मुकेश से उनके बैंक खातों की जानकारी हासिल की।
खाते का दुरुपयोग
पुलिस जांच में सामने आया कि रवि और गोविंदा ने धीरज के नाम पर बैंक खाता खुलवाया, लेकिन उसमें अपना मोबाइल नंबर जोड़कर खाते का संचालन स्वयं करने लगे। जब धीरज ने इस पर सवाल उठाया, तो दोनों ने उसे सिस्टम अपडेट न होने का बहाना बनाया और कहा कि कुछ दिनों में खाता अपडेट हो जाएगा। इसके बाद वे धीरज को एटीएम सौंपने की बात कहकर उसे अपने साथ ले गए। धीरज और मुकेश ने इसकी शिकायत सुपेला पुलिस से की।
आगे की जांच जारी
गोविंदा चौहान को रिमांड पर लेकर पुलिस अब उससे गहन पूछताछ करेगी। पुलिस उसके मोबाइल नंबरों, कॉल डिटेल्स और बैंक खातों में हुए लेन-देन की जांच कर रही है। साथ ही, इस मामले में अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। गोविंदा को पकड़ने के लिए पुलिस ने कई बार छापेमारी की थी, लेकिन उसके कोर्ट में आत्मसमर्पण ने सभी को चौंका दिया।
पुलिस इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है ताकि Online सट्टा ऐप से जुड़े इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।