बाल विवाह की कोशिश विफल: छुईखदान में महिला एवं बाल विकास विभाग की सतर्कता से बची एक 12 वर्षीय बालिका

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छुईखदान : जिला कबीरधाम में 6 मई 2025 को प्रस्तावित एक बाल विवाह को

महिला बाल विकास विभाग की सतर्कता ने समय रहते रोक दिया। यह विवाह 24 वर्षीय युवक और मात्र 12 वर्षीय बालिका के बीच तय किया गया था, जिसकी भनक लगते ही कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चन्द्रवाल के निर्देश पर सक्रिय हुई बाल विवाह रोकथाम टास्क फोर्स ने पूरे घटनाक्रम को संजीदगी से लेते हुए कानूनी दायरे में सुलझाया।

सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के माध्यम से मिली जिसके बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी पी.आर. खूंटेल के निर्देश पर परियोजना अधिकारी छुईखदान सुनील बंजारे ने जांच शुरू की। विवाह कार्ड से वर और वधु का पता पता चलने के बाद बालिका का निवास ग्राम देवकर (साजा) में पाया गया। वहाँ स्कूल रिकॉर्ड में बालिका की उम्र 12 वर्ष होने की पुष्टि हुई।

इसके बाद साजा परियोजना अधिकारी ने बालिका के परिवार को समझाइश दी। उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 और पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत संभावित कानूनी परिणामों की जानकारी दी गई, जिसमें दो वर्ष की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।

इसी कड़ी में छुईखदान में युवक के निवास पर दबिश दी गई और युवक के परिवार को भी सख्त चेतावनी दी गई। अंततः दोनों पक्षों ने विवाह रद्द करने की सहमति दी और बाल विवाह न करने का वचन दिया।

परियोजना अधिकारी सुनील बंजारे ने बताया कि “बाल विवाह सामाजिक कुरीति है, जो बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास को अवरुद्ध कर देती है। समाज को इस पर सजग रहना चाहिए और कहीं भी इसकी भनक लगे तो तुरंत 1098, नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र या थाने में सूचना देना चाहिए।”

इस कार्रवाई में पर्यवेक्षक ऋतु गुप्ता, खेमीन ध्रुव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, वार्ड 13 और 14 के पार्षदों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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