दुनिया का सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप CRIB भारत में खोजा गया, चिकित्सा विज्ञान में नई क्रांति की उम्मीद

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स्थान: बेंगलुरु, कर्नाटक
तिथि: 1 अगस्त 2025

भारत एक बार फिर चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में वैश्विक सुर्खियों में आ गया है। कर्नाटक की एक 38 वर्षीय महिला के खून में एक ऐसा अनोखा तत्व पाया गया है, जिसे अब तक दुनिया में कहीं भी रिकॉर्ड नहीं किया गया था। इस महिला के खून में एक नया और अज्ञात एंटीजन मिला, जिसे वैज्ञानिकों ने CRIB ब्लड ग्रुप नाम दिया है।

प्रारंभिक रूप से महिला का ब्लड ग्रुप O Rh+ बताया गया, लेकिन जब उन्हें सर्जरी से पहले O+ यूनिट्स चढ़ाई गईं, तो उनका शरीर उसे स्वीकार नहीं कर पाया। इसके बाद बेंगलुरु स्थित Rotary TTK Blood Centre और फिर यूके की International Blood Group Reference Laboratory में जांच की गई। लगभग 10 महीने की रिसर्च के बाद पता चला कि यह ब्लड ग्रुप दुनियाभर में अब तक का पहला और अनूठा है।

CRIB का मतलब है:

CR: Cromer

IB: India-Bangalore

यह ब्लड ग्रुप पैनरिएक्टिव श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि यह किसी सामान्य ब्लड ग्रुप (A, B, AB, O) से मेल नहीं खाता। महिला के 20 परिजनों का ब्लड भी इससे मेल नहीं खा पाया।

विशेषताएं और प्रभाव:

यह खोज खास तौर पर उन गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, जिनमें ऐसे एंटीबॉडी बनते हैं जो भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

भविष्य में महिला को ऑटोलॉगस ट्रांसफ्यूजन (अपने ही खून को स्टोर कर उपयोग करना) की सलाह दी गई है।

संक्रमण, इम्यून रिएक्शन जैसे जोखिम न्यूनतम रहेंगे।

भारत बना वैश्विक शोध का केंद्र:
इस खोज ने ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन और ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में नई उम्मीदें जगाई हैं। अब Rare Donor Registry की योजना भी बनाई जा रही है ताकि भविष्य में इसी तरह के मामलों में समय रहते सहायता मिल सके।

यह अनोखी खोज भारत को चिकित्सा विज्ञान के वैश्विक मानचित्र पर एक नई ऊँचाई पर ले जाती है और ब्लड ट्रांसफ्यूजन की दुनिया में एक नया अध्याय लिखती है।

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