
दुर्ग | ग्राम पंचायत रौंदा के किसान हिरेंद्र वर्मा ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मिली सहायता से अपने पशुओं के लिए पक्का शेड तैयार कराया है। इस निर्माण कार्य के लिए उन्हें 95 हजार रुपए की मंजूरी मिली थी।
निर्माण के दौरान हिरेंद्र ने स्वयं भी मजदूरी का काम किया, जिससे उन्हें करीब 11 हजार रुपए का पारिश्रमिक प्राप्त हुआ। अब उनके तीनों पशु — दो भैंसें और एक गाय — सुरक्षित स्थान पर रह रहे हैं। शेड बनने के बाद दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हुई है और वे रोजाना 5 लीटर से अधिक दूध बेचकर हर महीने 5 से 6 हजार रुपए तक की अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर रहे हैं।
मनरेगा योजना से बने इस पशु शेड ने किसान के परिवार को आर्थिक मजबूती प्रदान की है। पहले वे अपने मवेशियों को अस्थायी छप्पर में रखते थे, जिससे बरसात और गर्मी में परेशानी होती थी और दूध उत्पादन भी कम था। अब पक्के शेड के कारण पशु न केवल सुरक्षित हैं बल्कि हिरेंद्र वर्मा आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।



