गोद में 3 साल की बेटी, पेट्रोल छिड़ककर कुर्सी पर बैठी और आग लगा ली, दहेज लोभियों की भेंट चढ़ी महिला टीचर

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जोधपुर, 27 अगस्त 2025: राजस्थान के जोधपुर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। दहेज प्रताड़ना से तंग आकर एक महिला स्कूल टीचर ने अपनी तीन साल की मासूम बेटी को गोद में लेकर खुद को आग के हवाले कर दिया। इस दर्दनाक घटना में मां और बेटी दोनों की मौत हो गई। मृतका की पहचान संजू बिश्नोई (32 वर्ष) और उनकी बेटी यशस्वी (3 वर्ष) के रूप में हुई है। पुलिस को मौके से मिले सुसाइड नोट में संजू ने अपने पति और ससुराल वालों पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है।

शुक्रवार की दोपहर हुई घटना
यह हृदयविदारक घटना जोधपुर के डांगियावास थाना क्षेत्र के सरनाडा गांव में शुक्रवार, 22 अगस्त 2025 को दोपहर में घटी। संजू, जो एक सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में लेक्चरर थीं, स्कूल से घर लौटी थीं। उस समय उनके पति दिलीप बिश्नोई और ससुराल के अन्य सदस्य घर पर मौजूद नहीं थे। पुलिस के अनुसार, संजू ने घर की लॉबी में डाइनिंग टेबल की कुर्सी पर बैठकर पहले अपनी बेटी यशस्वी और फिर खुद पर पेट्रोल छिड़का। इसके बाद उन्होंने आग लगा ली, जिससे दोनों लपटों में घिर गईं। यशस्वी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि संजू को गंभीर हालत में महात्मा गांधी अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती किया गया, जहां शनिवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।

सुसाइड नोट में दहेज प्रताड़ना का आरोप
पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें संजू ने अपने पति दिलीप बिश्नोई, सास, ससुर, ननद और एक अन्य व्यक्ति गणपत सिंह पर दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाया। संजू के मायके वालों ने बताया कि उनकी शादी 10 साल पहले दिलीप से हुई थी, और शादी के बाद से ही दहेज की मांग को लेकर उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा था। संजू के पिता ओमाराम बिश्नोई ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया है।

पुलिस ने शुरू की जांच, मोबाइल जब्त
पुलिस ने घटनास्थल से संजू का मोबाइल फोन और अन्य सबूत जब्त किए हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गणपत सिंह और संजू के पति मिलकर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। डांगियावास थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम ने भी मौके से सबूत एकत्र किए हैं। पुलिस का कहना है कि मोबाइल फोन से इस मामले में अहम जानकारी सामने आ सकती है।

मायके और ससुराल में शव को लेकर विवाद
शनिवार सुबह संजू की मौत के बाद उनके शव और बेटी यशस्वी के शव को लेकर मायके और ससुराल पक्ष के बीच विवाद हो गया। मायके वालों ने शवों की कस्टडी की मांग की, जिसके बाद पोस्टमार्टम के बाद दोनों शव उनके परिवार को सौंपे गए। गमगीन माहौल में मां और बेटी का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस घटना ने स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश पैदा किया है, और कई सामाजिक संगठनों ने दहेज प्रथा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

दहेज की आग में जल रही बेटियां
यह घटना ग्रेटर नोएडा के निक्की दहेज हत्याकांड के बाद सामने आई है, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। संजू और यशस्वी की मौत ने एक बार फिर दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि 21वीं सदी में भी बेटियां दहेज की आग में जल रही हैं, और समाज को इस कुप्रथा के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है।

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