भूपेश बघेल की विधायकी रहेगी या जायेगी ? हाईकोर्ट से किसी भी दिन आ सकता है फैसला, कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

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रायपुर 14 अक्टूबर 2025। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली है। दुर्ग सांसद विजय बघेल द्वारा दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, जो अब किसी भी समय सुनाया जा सकता है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 से जुड़ा हुआ है। दुर्ग लोकसभा सांसद और भाजपा नेता विजय बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया और इस आधार पर उनके निर्वाचन को शून्य घोषित किया जाए।हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान भूपेश बघेल की ओर से 16 बिंदुओं पर जवाब प्रस्तुत किया गया।

उनकी ओर से कहा गया कि यह याचिका कानूनी रूप से चलने योग्य नहीं है (non-maintainable) और इसे प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज किया जाना चाहिए।मंगलवार को दोनों पक्षों की विस्तृत बहस के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। इसका अर्थ है कि अब अदालत किसी भी समय इस मामले में अपना निर्णय सुना सकती है।

क्या है याचिका का आधार:
यह चुनाव याचिका आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित है। आरोप लगाया गया है कि भूपेश बघेल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल किया और इससे चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित हुई।याचिका में कहा गया कि ऐसे कार्य निर्वाचन कानून का उल्लंघन करते हैं और इसलिए उनके निर्वाचन को निरस्त किया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में भी गई थी याचिका:
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। उन्होंने हाईकोर्ट की उस कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी, जो उनके खिलाफ चल रही थी।

भूपेश बघेल ने सर्वोच्च न्यायालय से यह अपील की थी कि हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई को रोका जाए, क्योंकि यह याचिका प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज होनी चाहिए थी। हालांकि, बाद में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका वापस ले ली, जिससे हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रही।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में भूपेश बघेल को यह स्वतंत्रता दी थी कि वे हाईकोर्ट में इस याचिका की मेंटेनबिलिटी (स्वीकार्यता) को चुनौती दे सकते हैं।अब जब दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी हैं, हाईकोर्ट का फैसला इस पर अंतिम होगा कि चुनाव याचिका स्वीकार्य है या नहीं, और क्या भूपेश बघेल का निर्वाचन निरस्त किया जा सकता है।

राजनीतिक रूप से भी यह मामला बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि भूपेश बघेल राज्य की राजनीति में कांग्रेस का प्रमुख चेहरा रहे हैं। यदि अदालत इस मामले में कोई कठोर निर्णय देती है, तो इसका राज्य की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।हाईकोर्ट का निर्णय अब सभी की निगाहों में है — फैसला कभी भी आ सकता है।

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