रायपुर सेंट्रल जेल से विचाराधीन बंदी राशिद अली उर्फ राजा बैझाड़ का कसरत करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। जांच में पता चला कि वीडियो जेल के अंदर मोबाइल से बनाया गया था, जिसमें दो प्रहरियों की लापरवाही उजागर हुई। दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है, जबकि एक अधिकारी को निलंबित किया गया है।

रायपुर 20 अक्टूबर 2025। रायपुर सेंट्रल जेल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जेल प्रशासन की नींद उड़ गई है। वीडियो में विचाराधीन बंदी राशिद अली उर्फ राजा बैझाड़ जेल परिसर में कसरत करता दिख रहा है। जांच में सामने आया है कि यह वीडियो 5 अक्टूबर 2025 को बनाया गया था और इसे जेल में बंद दूसरे बंदी शशांक चोपड़ा के मोबाइल फोन से शूट किया गया था।
मोबाइल से बनाया गया वीडियो, साथियों के साथ ली सेल्फी
जांच के अनुसार, उसी दिन राजा बैझाड़ ने अपने साथियों राहुल दुबे, विश्वनाथ राव और रोहित यादव के साथ मोबाइल से सेल्फी भी ली थी। बताया जा रहा है कि वीडियो सुबह के समय शूट किया गया, जबकि सेल्फी दोपहर में ली गई। यह सब कुछ जेल में तैनात दो प्रहरियों—राधेलाल खुंटे और बिपिन खलखो—की मौजूदगी में हुआ।
दोनों प्रहरी बर्खास्त, अधिकारी निलंबित
जांच में लापरवाही सिद्ध होने पर जेल अधीक्षक ने दोनों प्रहरियों की सेवा समाप्त कर दी है। इससे पहले महानिदेशक (जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं) ने अष्टकोण अधिकारी संदीप कश्यप को निलंबित कर दिया था। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों प्रहरी ड्यूटी के दौरान न केवल वीडियो बनने से नहीं रोक सके, बल्कि इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को भी नहीं दी।
लंबे समय से लापरवाही का रिकॉर्ड
प्रहरी राधेलाल खुंटे का अनुशासनहीनता का लंबा इतिहास रहा है।
- 2008 और 2012 में ड्यूटी से अनुपस्थित रहने पर चेतावनी मिली।
- 2013 में 17 दिन की अनुपस्थिति को अवैतनिक घोषित किया गया।
- 2014 में बैरक में निषिद्ध वस्तुएं मिलने पर दंडित किया गया।
- 2023 में रात की ड्यूटी से गायब रहने पर अंतिम चेतावनी दी गई थी।
वहीं बिपिन खलखो पर भी अनुशासनहीनता के कई आरोप पहले लग चुके हैं।
- 2019 में वरिष्ठ प्रहरी से अभद्र व्यवहार पर वेतन वृद्धि रोकी गई।
- 2020 में बिना सूचना अनुपस्थित रहने पर अनुपस्थिति अवैतनिक घोषित हुई।
- 2022 में ड्यूटी के दौरान उनके पास से तंबाकू मिलने पर दंडित किया गया।
कैसे पहुंचा मोबाइल जेल में?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि विचाराधीन बंदी शशांक चोपड़ा के पास मोबाइल फोन पहुंचा कैसे। जेल प्रशासन इस मामले की अलग जांच कर रहा है। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, जेल के अंदर कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से राशिद अली को मोबाइल और अन्य सुविधाएं मिल रही थीं।रायपुर पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, राशिद अली को NDPS एक्ट की धारा 20(बी) के तहत 11 जुलाई 2025 को टिकरापारा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह पिछले तीन महीनों से जेल में बंद है। आरोप है कि वह जेल के अंदर से ही नशे और वसूली के नेटवर्क को संचालित कर रहा था।


