
दुर्ग। भिलाई साइंस कॉलेज में विश्व आदिवासी दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, विवेकानंद और सुभाषचंद्र बोस हाउस के विद्यार्थियों ने अपनी-अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय, रायपुर के डॉ. आशुतोष मडावी थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस आदिवासी सभ्यता, संस्कृति और अधिकारों को सम्मान देने के साथ ही उन्हें उनके योगदान की मान्यता प्रदान करने का अवसर है। इस वर्ष 2025 की थीम “आदिवासी लोग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता – अधिकारों की रक्षा व भविष्य का निर्माण” पर केंद्रित रही, जिसका उद्देश्य आदिवासी समुदाय को आधुनिक चुनौतियों के प्रति जागरूक करना है।
विशेष अतिथि संगीत महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रिचा ठाकुर ने आयोजन को भारतीय जनजातियों के उत्थान के लिए प्रेरणादायक बताया और छात्रों की पारंपरिक वेशभूषा व प्रस्तुतियों की सराहना की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय सिंह ने की। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य स्वदेशी समुदायों के योगदान को उजागर करना और उनके अधिकार व संरक्षण के महत्व को रेखांकित करना है।
रंगारंग प्रतियोगिताएं
आयोजन के अंतर्गत समूह नृत्य और फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। समूह नृत्य में प्रथम स्थान सुभाषचंद्र बोस समूह, द्वितीय विवेकानंद समूह और तृतीय चन्द्रशेखर आजाद समूह को मिला। वहीं फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मेघा वर्मा, द्वितीय अमित कुमार और तृतीय वासुदेव ने प्राप्त किया।

कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक डॉ. अम्बरीश त्रिपाठी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश तिवारी ने प्रस्तुत किया। निर्णायक मंडल में डॉ. के. पद्मावती (विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र), डॉ. मर्सी जॉर्ज (विभागाध्यक्ष अंग्रेजी) और डॉ. रिचा ठाकुर (प्राचार्य, संगीत महाविद्यालय, दुर्ग) शामिल रहीं।
