
कवर्धा 3 जुलाई 2025।शासकीय कार्यालयों में अनुशासन और समय की पाबंदी सुनिश्चित करने के लिए कवर्धा कलेक्टर गोपाल वर्मा ने आज ऐसा कदम उठाया, जिसने पूरे जिले में सरकारी कर्मचारियों के बीच हड़कंप मचा दिया।
बुधवार सुबह ठीक 10 बजे कलेक्टर वर्मा स्वयं जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे और मुख्य गेट पर कुर्सी लगाकर बैठ गए। उन्होंने देर से आने वाले कर्मचारियों की उपस्थिति का जायजा लिया और मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कर्मचारियों का समय से आना अनिवार्य किया जाए।
कलेक्टर के इस औचक निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारी देर से कार्यालय पहुंचे, जिन्हें गेट पर ही रोक लिया गया। स्थिति यह रही कि कुछ कर्मचारियों को कान पकड़कर माफी तक मांगनी पड़ी।
निरीक्षण केवल जिला पंचायत कार्यालय तक सीमित नहीं रहा। कलेक्टर वर्मा ने इसके बाद जिला अस्पताल कवर्धा का भी औचक निरीक्षण किया, जहां भी कई कर्मचारियों की लापरवाही उजागर हुई। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारियों को समयपालन और जनसेवा में लापरवाही न बरतने की सख्त हिदायत दी।
कलेक्टर ने कहा, “सरकारी नौकरी एक जिम्मेदारी है, इसे लापरवाही से नहीं निभाया जा सकता। जनता हमसे सेवा की उम्मीद करती है और हमारा कर्तव्य है कि हम उसे समय पर पूरा करें।”
कलेक्टर के इस औचक निरीक्षण के बाद कुल 42 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि जवाब न मिलने या स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।