
दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के संस्कृत विभाग द्वारा रुसा 2.0 के अंतर्गत एक विशिष्ट व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह के मार्गदर्शन एवं संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. जनेंद्र कुमार दीवान के नेतृत्व में किया गया।
इस अवसर पर शासकीय दुधाधारी संस्कृत महाविद्यालय, रायपुर के व्याकरण विभाग से डॉ. बहुरन सिंह पटेल तथा संस्कृत साहित्य विभाग से श्री प्रवीण झाड़ी विशेष आमंत्रित वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से किया गया। तत्पश्चात विभागाध्यक्ष प्रो. जनेंद्र कुमार दीवान ने अतिथियों का परिचय एवं स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।
अपने व्याख्यान में डॉ. बहुरन सिंह पटेल ने व्याकरण शास्त्र के इतिहास पर विस्तृत एवं रोचक प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय व्याकरण की परंपरा, उसके विकास तथा आचार्यों के योगदान को अत्यंत सरल और प्रभावी शैली में प्रस्तुत किया।
वहीं श्री प्रवीण झाड़ी ने अपने वक्तव्य में भारतीय ज्ञान परंपरा में रामायण के महत्व पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि रामायण केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, नीति और आदर्शों का जीवंत प्रतीक है।

कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभाग की स्नातक छात्रा कु. कोयल साहू ने किया।
अंत में विभागाध्यक्ष प्रो. जनेंद्र कुमार दीवान ने अतिथियों एवं उपस्थित विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
यह व्याख्यान कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायी सिद्ध हुआ।
