
नेपाल सरकार ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाया गया बैन हटा लिया है। यह फैसला देश में जेन-जेड युवाओं के नेतृत्व में हिंसक प्रदर्शनों के बाद लिया गया है, जिनमें कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा घायल हुए।

नेपाल के संचार, सूचना और प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने कैबिनेट की आपात बैठक के बाद इस प्रतिबंध को वापस लेने की घोषणा की और सोशल मीडिया साइट्स को फिर से चालू करने का आदेश दिया।
सोशल मीडिया पर बैन लगाने का कारण था कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म्स ने नेपाल सरकार के साथ पंजीकरण कराने में असफलता दिखाई थी। इसके खिलाफ राजधानी काठमांडू समेत कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए, जो हिंसक हो गए। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन के भीतर प्रवेश की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने आंसू गैस, वाटर कैनन, रबर बुलेट और गोली का इस्तेमाल किया। इस हिंसा की जांच के लिए सरकार ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है, जिसे 15 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
गृह मंत्री रमेश लेखक ने नैतिक जिम्मेदारी के चलते इस्तीफा दे दिया है। आज भी विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन जारी रहने की संभावना है, जिसमें युवाओं के साथ बुजुर्ग और परिवार के सदस्य भी शामिल होंगे। मंत्री गुरुंग ने प्रदर्शनकारियों से आंदोलन वापस लेने का अनुरोध किया है।

नेपाल में यह विरोध जेन-जेड युवाओं का एक बड़ा आंदोलन बन गया है, जो इंटरनेट और सोशल मीडिया की आज़ादी के समर्थन में है। सरकार के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फिर से चालू हो गए हैं।