
सहारा समूह के जमाकर्ताओं के लिए हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने सहारा-सेबी खाते से अतिरिक्त 5000 करोड़ रुपये जारी करने की अनुमति दी है। इससे उन लोगों को भी अब अपना पैसा वापस मिलने लगेगा, जिनका पैसा सहारा की योजनाओं में फंसा हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को मंजूरी दी है, जिसमें सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा धनराशि से जमाकर्ताओं को भुगतान करने का आग्रह किया गया था। इसके साथ ही कोर्ट ने 5000 करोड़ रुपये की राशि के वितरण की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2026 कर दी है।
यह राशि सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार को ट्रांसफर की जाएगी, जो जमाकर्ताओं के वास्तविक क्लेम की जांच के बाद पैसे वितरित करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया की निगरानी पूर्व न्यायाधीश आर. सुभाष रेड्डी को सौंपी है, जिनके पर्यवेक्षण में एक सप्ताह के अंदर राशि ट्रांसफर की जाएगी।
सहारा समूह के निवेशकों की संख्या लगभग 5.43 करोड़ है, जिन्होंने कुल 1,13,504 करोड़ रुपये का दावा किया है। अब तक लगभग 26.25 लाख वास्तविक जमाकर्ताओं को 5,053 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। वहीं, लगभग 13.34 लाख निवेशकों के आवेदन जांच के अधीन हैं।

रिफंड राशि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड के निर्देश पर बनाई गई सेबी-सहारा एस्क्रो अकाउंट से जारी की जा रही है। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों को निवेशकों का पैसा वापस करने का आदेश दिया था।