दुर्ग, 12 जुलाई 2025
दुर्ग के पाटन थाना क्षेत्र में स्कूल से घर लौट रही एक नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश दुलार सिंह निर्मलकर की अदालत ने आरोपी कमलजीत नायक को 20 साल की सश्रम कारावास और 5,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह घटना पिछले साल ग्राम पंदर में हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार किया था।
घटना का विवरण: झांसा देकर की गई वारदात
पिछले साल 3 सितंबर को पीड़िता की मां ने पाटन थाने में शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने बताया कि उनकी नाबालिग बेटी को स्कूल बस दोपहर 2 बजे ग्राम पंदर के आंगनबाड़ी केंद्र पर छोड़ती थी, जहां से वह पैदल घर जाती थी। घटना वाले दिन गांव के ही कमलजीत नायक ने आंगनबाड़ी केंद्र के पास छात्रा को बहाने से बुलाया और घर छोड़ने का झांसा देकर अपने साथ ले गया। इसके बाद उसने गांव के एक अन्य व्यक्ति के घर के बाहर बने बाथरूम में ले जाकर दरवाजा बंद कर छात्रा के साथ दुष्कर्म किया।

पुलिस कार्रवाई और कोर्ट में सुनवाई
शिकायत मिलने के बाद पाटन थाना पुलिस ने तुरंत अपराध दर्ज कर कमलजीत नायक को गिरफ्तार किया। पुलिस ने जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश दुलार सिंह निर्मलकर की अदालत में हुई। लोक अभियोजक शेखर वर्मा ने अभियोजन पक्ष की मजबूत पैरवी की और ट्रायल के दौरान कमलजीत नायक को दोषी सिद्ध किया।
कोर्ट का फैसला: कड़ी सजा
न्यायालय ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (POCSO Act) की धारा 6 के तहत आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष की सश्रम कारावास और 5,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला नाबालिगों के खिलाफ अपराधों के प्रति कठोर रुख को दर्शाता है।