
दुर्ग-भिलाई,
जमीन गाइडलाइन दरों में की गई भारी वृद्धि और इसके विरोध में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे जमीन कारोबारियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव मंगलवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठ गए। उनका कहना है कि यह कार्रवाई प्रदेश की भाजपा सरकार की “तानाशाही और दमनकारी मानसिकता” को दर्शाती है।
जानकारी के अनुसार, दुर्ग के कारोबारी गाइडलाइन दरों में वृद्धि के खिलाफ पिछले दिनों सड़कों पर उतरे थे। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने और केस दर्ज होने के बाद कांग्रेस ने सरकार पर जनता की मांगों को कुचलने का आरोप लगाया है।
धरना स्थल पटेल चौक पर जिले के सभी कांग्रेस जिला अध्यक्ष और पदाधिकारी भी पहुंचे और आंदोलन को समर्थन दिया।
विधायक बोले— लाठीचार्ज सरकार की दमनकारी नीति का उदाहरण
विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे जमीन कारोबारी, किसान और आमजन पर लाठीचार्ज कर सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह जनता की आवाज सुनने के बजाय बल प्रयोग पर भरोसा करती है।
उन्होंने कहा कि बढ़ाई गई गाइडलाइन दरों ने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के अपने घर का सपना तोड़ दिया है।
सत्ता का दुरुपयोग: कांग्रेस
दुर्ग शहर कांग्रेस अध्यक्ष धीरज बाकलीवाल ने आरोप लगाया कि आंदोलनकारी व्यापारी पिछले पांच दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन सरकार का कोई प्रतिनिधि उनसे मिलने नहीं पहुंचा। न मंत्री, न विधायक और न ही कोई भाजपा नेता उनकी समस्याओं को सुनने आया।
इसी उपेक्षा के बीच मंगलवार को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जिसे कांग्रेस ने “सत्ता का दुरुपयोग” बताया है।
रजिस्ट्री शुल्क में भारी बढ़ोतरी से बढ़ी चिंता
दुर्ग ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि बढ़ी हुई गाइडलाइन दरों का सबसे ज्यादा असर उन परिवारों पर पड़ेगा जो अपनी जमा‐पूंजी से छोटा प्लॉट लेकर घर बनाने का सपना देखते हैं।
उन्होंने उदाहरण दिया कि उरला क्षेत्र में पहले 300–400 रुपये प्रति वर्गफीट वाली जमीन पर रजिस्ट्री का खर्च 30–40 हजार रुपये आता था।
लेकिन अब गाइडलाइन दर 2200 रुपये प्रति वर्गफीट होने से उसी जमीन की रजिस्ट्री फीस 2 से 2.5 लाख रुपये तक पहुंच गई है।
ऐसे में 3 लाख रुपये का प्लॉट खरीदने वाले व्यक्ति को 2 लाख रुपये सिर्फ रजिस्ट्री में देने होंगे, जो आम नागरिक की क्षमता से परे है।
विधायक की भूख हड़ताल और कांग्रेस के प्रदर्शन के चलते मामला और गरमाने लगा है। जमीन कारोबारियों ने भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार गाइडलाइन दरों में वृद्धि वापस नहीं लेती तो आंदोलन आगे और तेज किया जाएगा।

