
भुवनेश्वर/बस्तर 27 जुलाई 2025। वन विभाग का डिप्टी रेंजर करोड़ों रुपये वाला कुबेर निकला। छापेमारी में अब करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हो चुका है। इनमें तो 1.50 करोड़ से अधिक कैश हैं। ओडिशा में सतर्कता विभाग (विजिलेंस) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए वन विभाग के डिप्टी रेंजर रामचंद्र नेपक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी की है। यह छापे भुवनेश्वर और जैपुर समेत कुल 6 ठिकानों पर एक साथ मारे गए।
गोल्डन हाइट्स अपार्टमेंट से कार्रवाई के दौरान डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक नकद और भारी मात्रा में सोना-चांदी के आभूषण बरामद किए गए हैं। छापेमारी का नेतृत्व जैपुर विजिलेंस एसपी रवींद्र कुमार पांडा कर रहे हैं और कार्रवाई फिलहाल भी जारी है।
इस छापेमारी ने सिर्फ ओडिशा ही नहीं, बल्कि बस्तर के जंगलों और उनकी सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, बस्तर और ओडिशा की सरहद पर स्थित माचकोट-तिरिया क्षेत्र में घने जंगल हैं, जबकि ओडिशा के सीमावर्ती जंगलों में अत्यधिक कटाई और साफ़ी की शिकायतें लगातार मिलती रही हैं।
ऐसे में यह आशंका और भी गहराती है कि ओडिशा वन विभाग के कुछ अफसरों की मिलीभगत से लकड़ी तस्कर बस्तर के जंगलों को निशाना बना रहे हैं। क्षेत्र में यह संदेह पहले से ही जताया जाता रहा है कि ओडिशा की ओर से अवैध लकड़ी की तस्करी में वन विभाग के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध रही है।
स्थानीय वन विशेषज्ञों का मानना है कि यह छापेमारी केवल भ्रष्टाचार का मामला नहीं, बल्कि सीमावर्ती जंगलों की सुरक्षा से जुड़ा एक बड़ा संकेत भी है। यदि समय रहते इस नेटवर्क का पर्दाफाश नहीं हुआ, तो बस्तर के बचे-खुचे जंगलों पर भी संकट मंडरा सकता है।