
योजना का शुभारंभ और उद्देश्य
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा लागू की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY 2.0) “मिशन शक्ति” के अंतर्गत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मातृत्व लाभ उपलब्ध कराने वाली एक प्रमुख योजना है। इसका उद्देश्य मातृत्व अवधि में आय की हानि की आंशिक भरपाई करना और महिलाओं व नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाना है।
आर्थिक सहायता
पहली संतान पर: ₹5,000 की सहायता राशि।
दूसरी संतान (यदि कन्या हो) पर: ₹6,000 की राशि।
इसके अलावा, संस्थागत प्रसव हेतु जननी सुरक्षा योजना (JSY) के तहत लगभग ₹6,000 अतिरिक्त मिल सकते हैं।



योजना की आवश्यकता
भारत में हर तीसरी महिला कुपोषित और लगभग हर दूसरी महिला एनीमिया से पीड़ित है। ऐसे में मातृत्व अवधि में कई महिलाएं आर्थिक कारणों से समय से पहले कार्य पर लौट जाती हैं, जिससे माँ और शिशु दोनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ही यह योजना वर्ष 2017 से लागू की गई थी, जिसे अप्रैल 2022 में PMMVY 2.0 के रूप में और व्यापक रूप से विस्तार दिया गया।
डिजिटल निगरानी और पारदर्शिता
PMMVY सॉफ्टवेयर (PMMVYSoft) से राष्ट्रीय से लेकर ग्राम स्तर तक लाभार्थियों की ऑनलाइन निगरानी और रिपोर्टिंग की व्यवस्था।
आधार-आधारित प्रमाणीकरण और NPCI के माध्यम से लाभ सीधे बैंक/डाकघर खाते में DBT द्वारा हस्तांतरित।
चेहरे की पहचान (Face Recognition) से बायोमेट्रिक सत्यापन, जिससे फर्जीवाड़ा और दोहराव रोका जा सके।
SMS और बहुभाषी टोल-फ्री हेल्पलाइन 14408 से लाभार्थियों को पारदर्शी जानकारी और शिकायत समाधान की सुविधा।
जागरूकता और प्रशिक्षण
राज्य और जिला स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम, YouTube वीडियो ट्यूटोरियल और IEC सामग्री के जरिए आंगनवाड़ी व ASHA कार्यकर्ताओं को सशक्त किया जा रहा है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY 2.0) माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य और पोषण को सुनिश्चित करने के लिए एक दूरदर्शी योजना है। डिजिटल तकनीक, पारदर्शिता और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के जरिए यह योजना न सिर्फ़ महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर रही है बल्कि समाज में कन्या संतानों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को भी बढ़ावा दे रही है।