पादप जैव प्रौद्योगिकी, औषधीय पौधों और सतत विकास की दिशा में युवाओं के कदम

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दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के वनस्पति शास्त्र विभाग में दिनांक 16 अक्टूबर 2025 को अतिथि व्याख्यान एवं कैरियर मार्गदर्शन कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम रूसा 2.0 (RUSA 2.0) के अंतर्गत शैक्षणिक संवर्धन गतिविधि के रूप में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शासकीय वीर सुरेन्द्र साय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गरियाबंद के डॉ. सत्यम कुमार कुंभकार, सहायक प्राध्यापक (बायोटेक्नोलॉजी विभाग) आमंत्रित थे।

अपने सारगर्भित व्याख्यान में डॉ. कुंभकार ने पादप ऊतक संवर्धन (Plant Tissue Culture) की महत्ता, सिद्धांत, एवं आधुनिक अनुप्रयोगों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस तकनीक के माध्यम से दुर्लभ एवं विलुप्तप्राय पौधों की प्रजातियों का संरक्षण, औषधीय पौधों का बड़े पैमाने पर उत्पादन, तथा रोग-मुक्त पौधों का संवर्धन किया जा सकता है।
उन्होंने माइक्रोप्रोपेगेशन, सोमाक्लोनल वैरिएशन, और क्रायोप्रिज़र्वेशन जैसी तकनीकों के उदाहरणों के माध्यम से विद्यार्थियों को व्यावहारिक रूप से अवगत कराया और प्रयोगात्मक अनुसंधान के प्रति उनकी रुचि को प्रोत्साहित किया।

इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को बायोटेक्नोलॉजी एवं लाइफ साइंसेज के उभरते करियर अवसरों के बारे में बताया। उन्होंने NET, SET, GATE, एवं DBT-BET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु उपयोगी रणनीतियाँ साझा कीं और विद्यार्थियों को अनुसंधान एवं उच्च शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।

डॉ. कुंभकार ने यह भी कहा कि वर्तमान समय में पादप जैव प्रौद्योगिकी (Plant Biotechnology), औषधीय पौधों पर आधारित अनुसंधान (Medicinal Plant Research) तथा सतत विकास (Sustainable Development) के क्षेत्र में युवाओं के लिए अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने युवाओं से इन उभरते क्षेत्रों में नवाचार, उद्यमिता और अनुसंधान के माध्यम से देश के वैज्ञानिक विकास में योगदान देने का आह्वान किया।

कार्यक्रम के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ. जी. एस. ठाकुर ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों के शैक्षणिक एवं अनुसंधानात्मक विकास में अत्यंत सहायक होते हैं तथा उनके भीतर रचनात्मकता और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करते हैं।

विभाग की वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ. विजयलक्ष्मी नायडू ने विद्यार्थियों को निरंतर अध्ययन और अनुसंधान में तत्पर रहने की प्रेरणा दी। वहीं डॉ. सतीश कुमार सेन, डॉ. श्रीराम कुंजाम, तथा डॉ. राजेश्वरी प्रभा लहरे ने विद्यार्थियों को आगामी अक्टूबर 2026 में आयोजित होने वाली SET परीक्षा की तैयारी हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया।

कार्यक्रम में विभाग की अतिथि प्राध्यापिकाएँ देवीश्री एवं संकल्पा चंद्रा, शोधार्थी, तथा स्नातकोत्तर एवं स्नातक वर्ग के छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. मोतीराम साहू द्वारा किया गया तथा संपूर्ण आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय सिंह के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

अंत में विद्यार्थियों ने परिचर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया और ऐसे प्रेरणादायी एवं ज्ञानवर्धक व्याख्यानों को नियमित रूप से आयोजित किए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए विभाग को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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