भारत में महिलाओं में पीसीओएस तेजी से बढ़ रहा है : जीवनशैली के कारण और शुरुआती लक्षणों पर विशेषज्ञ की राय

Spread the love

नई दिल्ली।
भारत में शहरी महिलाओं के बीच पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) चिंता का विषय बनता जा रहा है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, देश में लगभग पाँच में से एक महिला इस समस्या से प्रभावित है। विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक जीवनशैली, असंतुलित खान-पान और शारीरिक गतिविधि की कमी इसके प्रमुख कारण हैं।

विशेषज्ञों ने बताया कि बढ़ता वजन, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन और अनियमित भोजन पैटर्न पीसीओएस को और गंभीर बना रहे हैं। उनका कहना है कि रोजमर्रा की भागदौड़ का तनाव भी हार्मोनल असंतुलन को बढ़ाता है।

शुरुआती लक्षण
पीसीओएस के लक्षण हर महिला में अलग हो सकते हैं, लेकिन सामान्यत: इनमें अनियमित मासिक धर्म, बार-बार पिंपल्स, बालों का झड़ना, वजन कम न होना, थकान और हार्मोनल बदलाव शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समय रहते इन संकेतों को पहचानना ज़रूरी है, ताकि बेहतर प्रबंधन और उपचार किया जा सके।

मासिक धर्म ट्रैकिंग की अहमियत
विशेषज्ञों ने मासिक धर्म ट्रैकिंग को पीसीओएस प्रबंधन का अहम साधन बताया है। इससे महिलाओं को नींद के पैटर्न, हार्मोनल बदलाव और ओव्यूलेशन जैसी गतिविधियों को समझने में मदद मिलती है। उनका मानना है कि यह तकनीक महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को लेकर सही निर्णय लेने में सहायक साबित हो रही है।

विशेषज्ञों ने सलाह दी कि किसी भी लक्षण के सामने आने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श ज़रूरी है। सही समय पर उपचार अपनाने से पीसीओएस से जुड़ी कई जटिलताओं से बचा जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× How can I help you?