परमालकसा-खरसिया नवा रायपुर रेल लाइन विस्तार, 8 गांवों के जमीन खरीदी-बिक्री पर लगी रोक

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परमालकसा-खरसिया नवा रायपुर रेल लाइन विस्तार, 8 गांवों के जमीन खरीदी-बिक्री पर लगी रोक

इन विस्तार के लिए सर्वे हो चुका है और रेल मंत्रालय ने इसके लिए राशि भी स्वीकृत कर दी है। वही भूमाफियाओं के द्वारा फायदा उठाने से पहले ही राजनादगांव कलेक्टर संजय अग्रवाल ने परियोजना से प्रभावित गांवों में जमीन खरीदी–बिक्री पर रोक लगा दी है।

केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि में प्रदेश के 11 जिलों में भू माफियाओं ने औने पौने दाम में जमीन खरीद कर राजस्व अधिकारियों से मिली भगत कर इसका टुकड़ों में बटांकन करवा लिया। जिसके चलते शासन को अधिग्रहित भूमि के बदले चार गुना मुआवजा देना पड़ा। इससे शासन को तो क्षति हुई ही साथ ही वास्तविक जमीन मालिक किसानों को भी फायदा नहीं मिला। रेल लाइन विस्तार के लिए भू माफिया फिर से इस तरह का खेल खेल सकते थे। इसलिए भूमाफियाओं के सक्रिय होने से पहले ही कलेक्टर संजय अग्रवाल ने इस परियोजना के दायरे में आने वाले 8 गांवों की जमीनों की बिक्री में रोक लगा दी है।

जमीन के छोटे टुकड़ों में बटांकन के चलते चार गुना मुआवजा देने से परियोजना की लागत राशि भी बढ़ जाती है। इस नुकसान से बचने और असल किसानों को भू अर्जन की राशि दिलाने के लिए खरीदी बिक्री के साथ ही बटांकन,नामांतरण,डायवर्सन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। जारी आदेश के तहत ग्राम बैगाटोला,महुआभाठा, फरहद, टेड़ेसरा, इन्दावानी, ककरेल, परमालकसा, तुमड़ीलेवा की जमीनों की बिक्री पर रोक लगी है।

शासन को आर्थिक क्षति पहुंचने से रोकने के लिए कलेक्टर ने दूसरी परियोजना का हवाला देते हुए आदेश जारी किया है कि रेल लाइन के दायरे में आने वाले जमीन की अवैध और अनाधिकृत खरीदी बिक्री की संभावना बढ़ जाती है। भूमाफिया किसानों को बरगला कर जमीन खरीद लेते है। इससे वास्तविक किसानों को लाभ नहीं मिल पाता। जमीन के अवैधानिक अंतरण के कारण शासन को अनावश्यक आर्थिक क्षति पहुंचती है।

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