
छत्तीसगढ़ में जल्द ही 200 से अधिक रेत खदानों की ई-नीलामी की जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि यह पूरा प्रक्रिया पारदर्शिता और वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित होगी, जिससे राज्य की आमदनी बढ़ेगी और खनन प्रक्रिया में गड़बड़ियों की संभावना घटेगी।

ई-नीलामी से बदलावराज्य सरकार विज्ञान और तकनीक की सहायता से पारदर्शी और प्रभावी रेत खनन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने आईआईएम धनबाद और खनिकर्म संचालनालय के साथ एक अहम समझौता किया है। इसका उद्देश्य यह है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए न केवल रेत खदानों की नीलामी हो, बल्कि उनके संचालन, निगरानी और मूल्यांकन में भी तकनीक का उपयोग हो।

डीएमएफ पोर्टल 2.0 और रिस्क ऑक्शन पोर्टलमुख्यमंत्री ने ‘डीएमएफ पोर्टल 2.0’ का भी विमोचन किया, जिससे माइनिंग फंड के सूचना प्रबंधन को पारदर्शी और नागरिकों के लिए सुलभ बनाया जाएगा। साथ ही, खनन गतिविधियों की निगरानी एवं शिकायतों का समाधान भी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सरलता से किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने रिवर्स ऑक्शन पोर्टल भी लांच किया है, जिससे नीलामी में अधिक प्रतिस्पर्धा और पारदर्शिता आएगी, तथा प्रति खदान की आमदनी बढ़ेगी।