
दुर्ग।शहीद दुर्वासा निषाद शासकीय महाविद्यालय अर्जुंदा में रजत जयंती वर्ष महोत्सव के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी (छत्तीसगढ़ राज्य की 25 वर्षों के विकास यात्रा छत्तीसगढ़ “छत्तीसगढ़ @50 एवं विकसित छत्तीसगढ़ @ 2047” ) विषय पर आयोजित किया गया।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती धारा पंकज चौधरी (सभापति जनपद पंचायत गुण्डरदेही) मुख्य वक्ता डॉ. अंजली औधिया (संयुक्त निर्देशक रूसा उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ ) एवं डॉ. ज्योति धारकर (सहायक प्राध्यापक इतिहास शास. वि. वाय. टी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग) साथ ही संस्था प्रमुख प्राचार्य डॉ. सोमाली गुप्ता, कार्यक्रम समन्वयक दीपिका कंवर, आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. दीपिका चंद्राकर उपस्थित रहे।
मां सरस्वती एवं छत्तीसगढ़ महतारी का विधिवत पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ ब्लेंडेड मोड में हुआ प्रथम वक्ता के रूप में डॉ. अंजली औधिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाषाओं की विविधता है छत्तीसगढ़ में पग–पग पर इतिहास के पद चिन्ह मिलते हैं, गीत और कहानियों में छत्तीसगढ़ का इतिहास छिपा हुआ है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर एक नया छत्तीसगढ़ बना सकते हैं। छत्तीसगढ़ के लोग उत्सव प्रेमी एवं संस्कृति को लेकर चलने वाले हैं, उन्होंने अंत में विद्यार्थीयों से कहा की–
कुछ कर गुजारने के लिए मौसम नहीं मन चाहिए, चिंता नहीं चिंतन करना चाहिए।
डॉ. ज्योति धारकर ने कहा कि वैदिक काल से छत्तीसगढ़ समृद्ध संस्कृति का अंग रहा है छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण बिना रक्त बहाए गांधी जी के मार्ग पर चलकर हुआ है। पर्यटन छत्तीसगढ़ के प्राणतत्व हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के 25 वर्ष विकास यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला।
श्रीमती धारा पंकज चौधरी ने कहा कि युवा आपदा को अवसर में बदल सकते है। भविष्य में छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने पर जोर दिया।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों सहित समस्त प्राध्यापकगण कार्यालयीन कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
आभार प्रदर्शन कार्यक्रम समन्वयक दीपिका कंवर ने किया एवं कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रदीप प्रजापति विभागाध्यक्ष हिंदी ने किया।