
रायपुर: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारियों की हड़ताल पिछले 29 दिनों से लगातार जारी है। अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारी सड़कों पर उतरे हुए हैं और सरकार के साथ उनकी मांगों को लेकर गतिरोध बना हुआ है। इस बीच, प्रदेश सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों के लिए नया नियुक्ति पत्र जारी किया है, साथ ही उन्हें ड्यूटी पर लौटने की अपील की है।

हड़ताल का कारण और कर्मचारियों की मांगें
एनएचएम कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले करीब एक महीने से हड़ताल पर हैं। इन मांगों में नियमितीकरण, वेतन वृद्धि, और बेहतर कार्यस्थल सुविधाएं शामिल हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी लंबे समय से अनसुनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिसके कारण उन्हें हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा। इस हड़ताल के चलते राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।

सरकार का अल्टीमेटम और नया नियुक्ति पत्र
हड़ताल को लेकर सरकार ने पहले कर्मचारियों को बर्खास्त करने का अल्टीमेटम दिया था। हालांकि, अब सरकार ने नरम रुख अपनाते हुए नया नियुक्ति पत्र जारी किया है। इस पत्र के जरिए कर्मचारियों से काम पर वापस लौटने की अपील की गई है। सरकार का कहना है कि वह कर्मचारियों की मांगों पर विचार कर रही है और भविष्य में भी इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने हड़ताल के मुद्दे पर कहा, “पिछले एक महीने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। कर्मचारियों को काम पर वापस आना चाहिए। जिन मांगों को पूरा किया जा सकता था, उनके लिए आदेश जारी किए जा चुके हैं।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार कर्मचारियों की शेष मांगों पर भी सुनवाई करेगी और इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
हड़ताल का प्रभाव
लगातार 29 दिनों से चल रही इस हड़ताल के कारण छत्तीसगढ़ के कई अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं बाधित हो रही हैं। मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे हड़ताल जारी रखेंगे।