इंदिरा गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय वैशाली नगर भिलाई में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

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महाविद्यालय में पी एम उषा के अंतर्गत “भारतीय लोकतंत्र में राजनीतिक एवं सामाजिक स्थायित्व के लिए मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रासंगिकता” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो ( डॉ ) संजय तिवारी जी थे। विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ सरिता कोल्हेकर( प्राध्यापक) शासकीय एस पी एस महाविद्यालय वारासिवनी, बालाघाट, मध्यप्रदेश तथा डॉ शकील हुसैन( प्राध्यापक) शासकीय वी वाय टी स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ श्रीमती अलका मेश्राम ने की । कार्यक्रम के संयोजक डॉ किरण रामटेके, पी एम उषा संयोजक डॉ संजय दास , सह संयोजक डॉ चांदनी मरकाम तथा आयोजन सचिव प्रो अमृतेष शुक्ला रहे। प्रथम सत्र में डॉ सरिता ने एस. आई. आर. प्रक्रिया में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं का वर्णन किया। डॉ शकील हुसैन ने अपने व्याख्यान में राजनीति विज्ञान विषय के सिद्धांतों को एस. आई .आर. प्रक्रिया से जोड़ा तथा भारतीय लोकतंत्र की अन्य देशों की व्यवस्थाओं से तुलना करते हुए उसकी विशेषताएं बताई। द्वितीय सत्र टेक्निकल सेशन में विभिन्न शोध केंद्रों तथा महाविद्यालय से आए 19 शोधार्थी तथा प्राध्यापकों ने अपने शोध पत्र का वाचन किया जिसमें प्रो सुरेश ठाकुर ( जिला स्तर मास्टर ट्रेनर) ने चुनाव आयोग की एस .आई .आर . प्रक्रिया को पीपीटी के माध्यम से समझाया। द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि डॉ डी एन सूर्यवंशी ( सेवानिवृत्त प्राचार्य) ने अपने उद्बोधन में भारत में चुनाव तथा उसके संवैधानिक प्रावधनों एवं राजनीतिक दलों की भूमिका पर प्रकाश डाला। विषय विशेषज्ञ डॉ एल. एस. गजपाल (प्राध्यापक, समाजशास्त्र एवं समाज कार्य अध्ययन शाला पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर) ने समाजशास्त्रीय पक्ष से एस .आई. आर . का तथ्यात्मक विश्लेषण किया तथा चुनाव में प्रवासन तथा शरणार्थी से होने वाली समस्याओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए । अंतिम सत्र में भी 11 प्रतिभागियों द्वारा शोध पत्र वाचन किया जिसमें श्री गिरिजा शंकर साव ( डी एस पी, कांकेर नक्सल ऑपरेशन) ने भी अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया।अंतिम सत्र के मुख्य अतिथि श्री भूपेन्द्र कुलदीप ( कुलसचिव, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय,दुर्ग) ने अपने उद्बोधन में लोकतंत्र में अधिकार तथा कर्तव्य के महत्व को बताया। अतिथियों द्वारा संगोष्ठी स्मारिका का विमोचन तथा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस संगोष्ठी में पूरे राज्य से 118 शोध सारांश प्राप्त हुए। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कुलपति तथा कुलसचिव ने महाविद्यालय के संरक्षिका डॉ श्रीमति अलका मेश्राम को बधाई प्रेषित की तथा महाविद्यालय के उज्जवल भविष्य की कामना की। मंच संचालन समिति सदस्य डॉ कैलाश शर्मा, डॉ रबिंदर छाबड़ा, श्रीमती कौशल्या शास्त्री , प्रो महेश अलेंद्र, डॉ चांदनी मरकाम , डॉ रामा बैनर्जी ने मंच संचालन का दायित्व निर्वहन किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, ग्रंथपाल, क्रीड़ाधिकारी, अन्य महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी तथा छात्र छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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