
बालोद। जिला मुख्यालय के शिकारीपारा वार्ड से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक मा ने जिस बेटी को प्यार दुलार देकर उसका भरण पोषण कर बड़ा किया। उसी मां ने ममता का गला घोंटकर दिया। पहले अपनी बेटी की हत्या की। इसके बाद खुद भी साड़ी से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली, जबकि बेटे ने किसी तरह कमरे से भागकर अपनी जान बचाई।
महिला के कांस्टेबल पति की पहले ही मौत हो चुकी है। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस के अधिकारी, तहसीलदार, फारेंसिक की टीम मौके पर पहुंची। मिली जानकारी के अनुसार 37 वर्षीय मृतका निकिता पटौदी पिछले कुछ साल से मानसिक रूप से अस्वस्थ थी। शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात करीबन एक बजे उसने पहले अपने 13 वर्षीय बेटे रेवेंद्र पटौदी का गला दबाने की कोशिश की, लेकिन बेटा किसी तरह खुद को छुड़ाकर भाग गया और अपने मौसी के कमरे में जाकर बिना किसी को कुछ बताए सो गया।
इसके बाद निकिता ने अपने कमरे में सो रही 10 वर्षीय बेटी वैभवी की साड़ी से गला घोंटकर हत्या कर दी। फिर उसी साड़ी के आधे हिस्से को काटकर पखे में बांधकर फांसी लगा ली। सुबह जब पड़ोसी घर के पीछे की ओर पुताई कर रहा था, तब वेंटिलेशन से अंदर झांकने पर उसे कमरे के भीतर का भयावह दृश्य दिखा। उसने तुरंत स्वजन को इसकी जानकारी दी।
मृतिका के पिता पंवर सिंह सोरी ने बताया कि निकिता की शादी ग्राम सांकरी में हुई थी। उनके पति रविशंकर पटौदी दल्लीराजहरा थाने में आरक्षक थे। तीन साल पहले कुसुमकसा के पास सड़क हादसे में उसकी मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद से निकिता की मानसिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी। वह अपने मायके शिकारीपारा में रह रही थी। वह कई बार अजीब हरकतें करती थी, लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगी।
