
जगदलपुर 7 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन व परिवहन मंत्री केदार कश्यप एक बड़े विवाद में घिर गए हैं। उन पर जगदलपुर सर्किट हाउस के संविदा कर्मचारी से मारपीट और गाली-गलौज करने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित कर्मचारी ने कोतवाली थाने में इसकी लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है। वहीं, इस घटना को लेकर कांग्रेस ने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनके इस्तीफ़े की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, घटना शनिवार शाम की है। सर्किट हाउस के संविदा कर्मचारी खितेंद्र पांडेय का कहना है कि वह नाश्ता तैयार कर रहे थे, तभी मंत्री के सुरक्षाकर्मी उन्हें बुलाकर कमरे में ले गए। खितेंद्र के मुताबिक, मंत्री केदार कश्यप ने कमरे का ताला समय पर न खुलवाने की बात पर गुस्से में उन्हें जूते से पीटा और गाली-गलौज की।
खितेंद्र पांडेय ने बताया कि वह बीस वर्षों से सर्किट हाउस में कार्यरत हैं, लेकिन ऐसा व्यवहार उन्हें पहली बार झेलना पड़ा। उन्होंने देर रात कोतवाली थाने पहुंचकर लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
कांग्रेस का हमला
इस घटना पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के साथ मंत्री का ऐसा व्यवहार बेहद निंदनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि केदार कश्यप ने अपने पिता और बस्तर के वरिष्ठ नेता बलिराम कश्यप की छवि तक की परवाह नहीं की और उनका व्यवहार अहंकार व दंभ को दर्शाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से हमला बोला। उन्होंने लिखा कि “भाजपा सरकार के मंत्री केदार कश्यप ने बस्तर में एक कर्मचारी को मां-बहन की गालियां दीं और कालर पकड़कर पीटा। मां की गाली देने वाले मंत्री का इस्तीफ़ा तो भाजपा को लेना ही चाहिए और सार्वजनिक रूप से माफ़ी भी मांगनी चाहिए।”
मंत्री की सफाई
वहीं, मंत्री केदार कश्यप ने सभी आरोपों से सख्ती से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि दौरे से लौटने के बाद उन्होंने केवल कर्मचारियों को अनुशासन को लेकर समझाया था। मारपीट और गाली-गलौज की बातें पूरी तरह से झूठी और बेबुनियाद हैं।
भाजपा नेताओं का पक्ष
कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा ने केदार कश्यप का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस मंत्री को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि “केदार कश्यप एक सुलझे और गंभीर व्यक्ति हैं। उनके खिलाफ लगाए जा रहे आरोप कांग्रेस की गलत मानसिकता और राजनीति का परिचायक हैं।”