नेपीडा, म्यांमार।म्यांमार में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप ने देशभर में भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 1,644 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,400 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। भूकंप ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया है, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। लेकिन इस विनाशकारी स्थिति के बावजूद म्यांमार की सैन्य जुंटा सरकार ने सशस्त्र विद्रोही समूहों पर हवाई हमले जारी रखे हैं, जिससे संकट और गहरा गया है।*.
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इन हमलों को “अपमानजनक और अस्वीकार्य” करार दिया है।
हवाई हमले और बढ़ती तबाही रिपोर्टों के मुताबिक, उत्तरी शान राज्य के नौंगचो में भूकंप के महज तीन घंटे बाद ही हवाई हमला हुआ, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, भूकंप के केंद्र सागांग क्षेत्र में भी बमबारी की गई। थाई सीमा के पास के इलाकों में भी सैन्य हमले जारी हैं, जिससे पहले से ही तबाह हालात और बिगड़ गए हैं।
चश्मदीदों का कहना है कि प्रभावित लोगों की मदद करने के बजाय, सेना ने अपने हमले तेज कर दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और वैश्विक समुदाय ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है। विभिन्न संगठनों ने सैन्य कार्रवाई को तत्काल रोकने और मानवीय सहायता को प्राथमिकता देने की मांग की है।
सरकार को सैन्य हमले बंद कर और पूरी तरह से राहत कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों ने इस संकट के समय युद्धविराम की आवश्यकता पर जोर दिया है ताकि पीड़ितों को तत्काल सहायता मिल सके।
जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती जा रही है, म्यांमार के लोग एक दोहरे संकट—भूकंप की तबाही और सैन्य संघर्ष—के बीच फंस गए हैं। इस विनाशकारी स्थिति में शांति और स्थिरता बहाल करने की मांग लगातार तेज हो रही है।