छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। नेत्र विभाग द्वारा आयोजित सर्जिकल शिविर में 24 अक्टूबर को 14 मरीजों की आंखों का ऑपरेशन किया गया था, जिनमें से 9 मरीजों की आंखों में गंभीर संक्रमण फैल गया। कुछ मरीजों की दृष्टि चली गई, जिसके बाद सभी को तत्काल रायपुर के डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) रेफर किया गया। प्रारंभिक जांच में संक्रमण की संभावना जताई जा रही है और मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है।

बीजापुर 12 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से एक चौंकाने वाला स्वास्थ्य लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसने पूरे चिकित्सा तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां 24 अक्टूबर को नेत्र रोग विभाग द्वारा आयोजित एक विशेष सर्जिकल कैंप में किए गए ऑपरेशनों के बाद नौ मरीजों की आंखों में गंभीर दिक्कतें उत्पन्न हो गईं। इनमें से कई मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है।
जानकारी के अनुसार, बीजापुर जिला अस्पताल में हुए इस नेत्र शिविर में कुल 14 मरीजों की आंखों का ऑपरेशन किया गया था। शुरुआती दो दिनों तक मरीजों की स्थिति सामान्य रही, लेकिन उसके बाद आंखों में जलन, सूजन, और धुंधला दिखाई देने की शिकायतें आने लगीं। धीरे-धीरे कुछ मरीजों को बिलकुल दिखाई देना बंद हो गया, जिससे अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया।
स्थिति बिगड़ने पर स्थानीय चिकित्सकों ने तुरंत उच्च अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद बीजापुर स्वास्थ्य विभाग ने सभी नौ मरीजों — जिनमें एक पुरुष और आठ महिलाएं शामिल हैं — को बेहतर इलाज के लिए रायपुर के डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) रेफर कर दिया। बुधवार को सभी मरीजों को मेकाहारा के नेत्र विभाग में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की विशेष टीम ने जांच शुरू कर दी है।
मेकाहारा अस्पताल के डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच में संक्रमण की संभावना जताई है, हालांकि सटीक कारण की पुष्टि लैब रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी। डॉक्टरों का मानना है कि ऑपरेशन के दौरान उपयोग किए गए उपकरणों या दवाओं में संक्रमण होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि यह सर्जिकल कैंप ग्रामीण इलाकों में मोतियाबिंद और अन्य नेत्र रोगों के उपचार के लिए लगाया गया था। लेकिन अब इस लापरवाही ने ग्रामीणों में डर का माहौल बना दिया है।स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल कैंप में उपयोग की गई दवाओं, इंजेक्शन और उपकरणों को सील कर जांच के लिए भेज दिया है। डॉक्टरों की टीम मरीजों की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और विशेषज्ञों की देखरेख में उपचार जारी है।

