#कोरबा के गेवरा माइंस में भूविस्थापितों पर लाठीचार्ज — शांतिपूर्ण आंदोलन के बीच CISF की कार्रवाई से मचा हड़कंप, … आप भी वायरल वीडियो देखो

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कोरबा, 23 अक्टूबर 2025।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एसईसीएल (SECL) के गेवरा माइंस क्षेत्र में गुरुवार को उस वक्त हालात बिगड़ गए, जब भूविस्थापित ग्रामीणों के शांतिपूर्ण आंदोलन पर CISF जवानों ने लाठीचार्ज कर दिया। बताया जा रहा है कि यह लाठीचार्ज अचानक हुआ, जिससे मौके पर अफरा-तफरी और भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई। ग्रामीणों ने इस कार्रवाई को बर्बर बताया है और SECL प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भूविस्थापित रोजगार, उचित मुआवजा और पुनर्वास की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा के बैनर तले शांतिपूर्ण धरने पर बैठे थे। इसी दौरान CISF के एक अधिकारी और ग्रामीणों के बीच बहस हो गई, जिसके बाद अचानक लाठीचार्ज का आदेश दे दिया गया। जवानों ने निहत्थे ग्रामीणों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।*

इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें किसान सभा के जिला सचिव दीपक साहू, रमेश दास, बिमल दास और गुलाब दास शामिल हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गंभीर रूप से घायल लोगों को CISF जवान जबरन थाने ले जाने लगे, लेकिन विरोध बढ़ने पर वे बीच रास्ते में ही छोड़कर चले गए।

🔴 ग्रामीणों का गुस्सा फूटा — गेवरा माइंस गेट पर चक्काजाम

घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने दीपका थाना पहुंचकर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों के खिलाफ FIR की मांग की। इसके बाद सैकड़ों ग्रामीणों ने गेवरा माइंस के मुख्य द्वार पर धरना देकर चक्काजाम कर दिया। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस बल और अतिरिक्त CISF जवानों की तैनाती कर दी है।

⚖️ प्रशासन और SECL प्रबंधन पर उठे सवाल

वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि घटना के समय खदान क्षेत्र में भारी वाहनों की आवाजाही जारी थी। लाठीचार्ज और भगदड़ के बीच किसी भी बड़ी दुर्घटना की आशंका टलते-टलते रह गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि किसी ग्रामीण की मौत होती तो इसका जिम्मेदार कौन होता?
इस घटना ने SECL प्रबंधन और जिला प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।

📍 पृष्ठभूमि

उल्लेखनीय है कि SECL की गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदानों के विस्तार को लेकर लंबे समय से विवाद जारी है। प्रबंधन जहां अधिग्रहित गांवों को खाली कराने की तैयारी में है, वहीं भूविस्थापित ग्रामीण अपनी नौकरी, बसावट और आज के दर पर मुआवजा की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। कुछ दिन पहले भिलाई बाजार में हुई त्रिपक्षीय बैठक के दौरान भी तनाव की स्थिति बनी थी, जिसमें ग्रामीणों ने एक SECL अधिकारी से मारपीट की थी।

🕊️ अब प्रशासन की चुनौती — कैसे थमेगा बढ़ता तनाव?

लाठीचार्ज के बाद ग्रामीणों और प्रशासन के बीच अविश्वास और गहराता नजर आ रहा है। अगर जल्द कोई ठोस समाधान नहीं निकला, तो यह संघर्ष बड़े रूप में सामने आ सकता है।

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