
घटना का विवरण
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में मशहूर भारतीय कॉमेडियन कपिल शर्मा के नए खुले ‘कैप्स कैफे’ पर बुधवार, 9 जुलाई 2025 की रात को अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी की। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इसने भारतीय डायस्पोरा और प्रशंसकों में हड़कंप मचा दिया। इसके बाद, खालिस्तानी अलगाववादी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो संदेश जारी कर कपिल शर्मा को धमकी दी है।
पन्नू की धमकी
पन्नू ने अपने वीडियो में कपिल शर्मा पर कनाडा में व्यवसाय के बहाने ‘हिंदुत्व विचारधारा’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कनाडा तुम्हारा खेल का मैदान नहीं है। अपनी खून से सनी कमाई वापस हिंदुस्तान ले जाओ। कनाडा अपनी धरती पर हिंदुत्व की हिंसक विचारधारा को व्यवसाय के नाम पर जड़ें जमाने नहीं देगा।” पन्नू ने यह भी सवाल उठाया कि क्या कैप्स कैफे “केवल एक कॉमेडी स्थल है या हिंदुत्व को फैलाने की बड़ी रणनीति का हिस्सा है।”
हमले की जिम्मेदारी

इस गोलीबारी की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़े हरजीत सिंह लड्डी और तूफान सिंह ने ली है। लड्डी, जो भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की मोस्ट-वांटेड सूची में शामिल है, ने दावा किया कि यह हमला कपिल शर्मा के शो में निहंग सिखों के खिलाफ कथित तौर पर की गई टिप्पणियों के जवाब में किया गया। एनआईए ने लड्डी की गिरफ्तारी के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है।
कैफे की प्रतिक्रिया
कैप्स कैफे ने शुक्रवार, 11 जुलाई 2025 को इंस्टाग्राम पर एक बयान जारी कर कहा, “हमने कैप्स कैफे को केवल एक व्यवसाय के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसी जगह के रूप में शुरू किया था, जहां लोग कॉफी और बातचीत के साथ सुकून पा सकें। इस सपने के साथ हिंसा का टकराव दिल तोड़ने वाला है। हम इस सदमे को झेल रहे हैं, लेकिन हम हार नहीं मान रहे।” कपिल शर्मा ने अभी तक इस घटना पर व्यक्तिगत रूप से कोई बयान जारी नहीं किया है।
जांच और सुरक्षा उपाय
सरे पुलिस सेवा (एसपीएस) ने पुष्टि की कि गुरुवार तड़के करीब 1:50 बजे कैफे की खिड़कियों पर कई गोलियां दागी गईं। पुलिस ने अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है, लेकिन सभी संभावित सुरागों की जांच की जा रही है। इस बीच, मुंबई पुलिस ने कपिल शर्मा की सुरक्षा बढ़ा दी है। यह घटना कनाडा में खालिस्तानी तत्वों द्वारा भारतीय मूल के व्यवसायों और व्यक्तियों को निशाना बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है।
भारत-कनाडा तनाव
यह घटना भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में हुई है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद। भारत ने कनाडा पर खालिस्तानी अलगाववादी तत्वों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है, जबकि कनाडाई अधिकारियों ने इसे व्यक्तिगत धमकी या व्यापक खालिस्तानी योजना का हिस्सा मानकर जांच शुरू की है। यह मामला कनाडा में भारतीय हितों की सुरक्षा और खालिस्तानी उग्रवाद से निपटने की चुनौतियों को रेखांकित करता है।