रायपुर 30 जून 2025।छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ के आबकारी घोटाले में आरोपी पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने ACB/EOW की स्पेशल कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी के दौरान अपने साथ हो रहे व्यवहार को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने जज के सामने भावुक होकर कहा—”मैं कोई आतंकवादी या पाकिस्तानी नहीं हूं, मुझे भी अदालत में पेश होने का हक है।” 90 दिनों बाद लखमा को पहली बार वीडियो लिंक से कोर्ट में पेश किया गया।
ACB-EOW ने पेश किया चौथा चालान, 1100 पेज और 67 बिंदुओं की समरी
विशेष न्यायालय में ACB और EOW ने घोटाले में चौथा चालान दाखिल किया, जो 1100 पन्नों और 67 समरी बिंदुओं पर आधारित है। दस्तावेजों के अनुसार, कवासी लखमा को घोटाले से 64 करोड़ रुपये की अवैध आमदनी हुई।18 करोड़ रुपये की अवैध रकम के निवेश और खर्च से जुड़े दस्तावेज भी जांच एजेंसियों को प्राप्त हुए हैं।
71 से अधिक आरोपी, 13 गिरफ्तार
अब तक इस घोटाले में 71 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया जा चुका है। वहीं 13 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।अधिकारियों के मुताबिक, जांच के आधार पर जल्द ही और भी नामों पर कार्रवाई हो सकती है।
मंत्री पद का दुरुपयोग, टेंडर और पदस्थापन में हस्तक्षेप
चालान में लखमा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं—
- मंत्री पद की शक्तियों का दुरुपयोग,
- नीतिगत निर्णयों में हस्तक्षेप,
- टेंडर प्रक्रिया में पैसों के बदले लाभ देना,
- पदस्थापना में प्रभाव का इस्तेमाल।
जांच में खुलासा हुआ है कि यह घोटाला विभागीय अधिकारियों, ठेकेदारों और सहयोगियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया।
कोर्ट से न्यायिक रिमांड खारिज, विवेचना अब भी जारी
रायपुर कोर्ट ने कवासी लखमा की न्यायिक रिमांड की मांग को खारिज कर दिया है।
ACB और EOW की जांच प्रक्रिया अभी भी जारी है और कई नए सुरागों के आधार पर जाल और गहराया जा रहा है।