छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कांकेर सांसद भोजराज नाग के खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका को सुनवाई योग्य माना है। अदालत ने सांसद का अंतरिम आवेदन खारिज कर दिया है। अब मामले में नियमित सुनवाई होगी।

बिलासपुर 12 सितंबर 2025। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कांकेर से भाजपा सांसद भोजराज नाग के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने भोजराज नाग द्वारा दायर अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया है। नाग ने अपने खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका को निरस्त करने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर मामले को सुनवाई योग्य माना है।
कांकेर के निवासी और याचिकाकर्ता बिरेश ठाकुर ने भोजराज नाग के 2024 लोकसभा चुनाव में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए चुनाव परिणाम को रद्द करने की मांग की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि चुनाव के दौरान गंभीर गड़बड़ियां हुईं, जिससे मतगणना प्रभावित हुई और परिणाम निष्पक्ष नहीं रहे।
हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों में पर्याप्त तथ्य मौजूद हैं, जिन्हें जांचा जाना जरूरी है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव से जुड़ी याचिकाओं में तथ्यात्मक स्थिति को समझने और दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही अंतिम निर्णय दिया जा सकता है। इसलिए इसे निरस्त करने का यह सही समय नहीं है।
भोजराज नाग की ओर से दायर अंतरिम आवेदन में कहा गया था कि याचिका निराधार है और इसे प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज किया जाना चाहिए। लेकिन कोर्ट ने इस दलील को अस्वीकार कर दिया और कहा कि मामला सुनवाई योग्य है। अब इस प्रकरण में नियमित सुनवाई की जाएगी।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव याचिका पर सुनवाई लंबी चल सकती है, क्योंकि इस दौरान गवाहों के बयान और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज पेश किए जाएंगे। यदि अदालत को अनियमितताएं साबित होती हैं, तो चुनाव परिणाम रद्द भी किए जा सकते हैं।
इस पूरे मामले पर कांकेर के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है और कहा है कि अगर चुनाव में कोई गड़बड़ी हुई है तो उसे उजागर होना चाहिए। वहीं, भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि भोजराज नाग का चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी था और कोर्ट में यह साबित हो जाएगा।अब सबकी निगाहें छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस मामले में क्या फैसला देती है और क्या वास्तव में कांकेर के लोकसभा चुनाव नतीजों पर असर पड़ता है।
