
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने कवर्धा निवासी महिला अमीना ताज और उसके सहयोगी ड्राइवर राकेश साहू को गिरफ्तार कर लिया है। ये आरोपी जरूरतमंद लोगों को उचित ब्याज पर कर्ज देकर कई गुना वसूली करते थे और विरोध करने वालों को ब्लैंक चेक और झूठे मुकदमों की धमकी देकर ब्लैकमेल करते थे। इस गिरोह ने कई परिवारों को आर्थिक रूप से बर्बाद कर दिया था।

गिरफ्तारी की कार्रवाई और प्रार्थी की शिकायत
कबीरधाम पुलिस को कोतवाली थाने में एक प्रार्थी की शिकायत मिली थी, जिसमें उसने बताया कि अमीना ताज ने उसे 50 हजार रुपये का कर्ज दिया था, लेकिन बदले में करीब 6 लाख रुपये वसूल लिए। प्रार्थी ने आरोप लगाया कि कर्ज चुकाने के बाद भी आरोपी लगातार धमकियां दे रहे थे। अमीना और राकेश ने ब्लैंक चेक का दुरुपयोग कर झूठे केस दर्ज कराने की धमकी दी थी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 410/2025 दर्ज किया, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 308(2), 351(3), 3(5) और ऋणियों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के तहत कार्रवाई की गई।
पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर अमीना ताज के घर और कार्यालय पर दबिश दी। वहां से उधारी लेन-देन के कागजात, पीड़ितों के हस्ताक्षर वाले ब्लैंक चेक, लेन-देन का रजिस्टर और अन्य सामग्री बरामद की गई। राकेश साहू, जो अमीना का मुख्य सहयोगी था, को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने कई अन्य पीड़ितों के नाम कबूल किए हैं।
सूदखोरी का जाल: कई गुना ब्याज और जबरन वसूली
अमीना ताज लंबे समय से कवर्धा और आसपास के इलाकों में सूदखोरी का धंधा चला रही थी। वह जरूरतमंद लोगों, खासकर छोटे व्यापारियों और मजदूरों को आकर्षक ब्याज दरों का लालच देकर कर्ज देती थी, लेकिन वसूली के समय कई गुना ब्याज जोड़ देती। राकेश साहू उसके ड्राइवर के रूप में काम करता था और पीड़ितों के घर जाकर जबरन पैसे वसूलता। वह मारपीट, धमकी और परिवार वालों को अपमानित करने जैसी हरकतें करता, जिससे इलाके में आतंक का माहौल बना रहता।