खैरागढ़, छत्तीसगढ़ |
प्रेम विवाह कर समाज की बंदिशों को चुनौती देने वाला शेरगढ़ गांव का 29 वर्षीय युवक लोमेश वर्मा अंततः उस प्रेम में मिली पीड़ा से हार गया। बुधवार की शाम उसने अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह हृदयविदारक घटना जालबांधा चौकी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले शेरगढ़ गांव की है, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लोमेश वर्मा को स्कूली दिनों में जालबांधा की एक युवती से प्रेम हुआ था। दोनों ने सामाजिक विरोध के बावजूद बालिग होते ही प्रेम विवाह कर लिया था। शादी के बाद यह दंपति भिलाई के चरौदा क्षेत्र में रहकर बोरवेल का व्यवसाय करने लगा। लगभग दस वर्षों के वैवाहिक जीवन में उनके घर तीन बेटियों ने जन्म लिया।
हालांकि, बीते दो वर्षों में पारिवारिक हालात तेजी से बिगड़ने लगे। बताया जा रहा है कि लोमेश की पत्नी का संपर्क किसी अन्य युवक से हो गया था। वह अक्सर पति और बेटियों को छोड़कर चली जाया करती थी। लोमेश ने कई बार समझाने का प्रयास किया, ससुराल पक्ष से भी सहयोग की उम्मीद की, लेकिन रिश्ते में दरारें गहराती चली गईं।
समाज में बढ़ रही आलोचना, प्रेम विवाह को लेकर लगते ताने, और पारिवारिक विघटन की पीड़ा ने लोमेश को भीतर से तोड़ दिया था। मानसिक तनाव और आत्मग्लानि से जूझते लोमेश ने दो दिन पूर्व अपने गांव लौटने का निर्णय लिया और बुधवार की शाम घर के कोठे में म्यार से फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया।
घटना का खुलासा उस वक्त हुआ जब उसका छोटा भाई गायों को चारा देने गया और लोमेश को फांसी पर झूलता देख चीख पड़ा। पड़ोसी तत्काल मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक लोमेश दम तोड़ चुका था।
इस घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। तीन मासूम बेटियां अब अपने पिता की छाया से वंचित हो गई हैं। एक प्रेम कहानी जो कभी उम्मीदों से भरी थी, अंततः समाज की बेरुखी और रिश्तों की दरारों में खत्म हो गई।