क्या अतिक्रमण पर महापौर अलका वाघमार की कार्रवाई केवल दिखावा?
दुर्ग, 29 अप्रैल।
दुर्ग नगर पालिका निगम की महापौर श्रीमती अलका वाघमार द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दावे तो जोर-शोर से किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। बीते दो महीनों में शहर में अतिक्रमण की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

शहर के ऐसे इलाकों में, जहां यातायात प्रभावित नहीं होता, वहां कार्रवाई कर प्रेस विज्ञप्ति जारी की जाती है। वहीं दूसरी ओर, महापौर के सरकारी निवास कार्यालय से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित समृद्धि बाजार के सामने हॉकी मैदान की बाउंड्री वॉल तक अतिक्रमणकारियों ने सुनियोजित तरीके से कब्जा कर लिया है। इसके बावजूद इस स्पष्ट अतिक्रमण पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
महापौर कार्यालय के समीप स्थित साइ द्वारा चौक पर फल विक्रेताओं और नारियल पानी की गुमटियों के कारण यह क्षेत्र दुर्घटना संभावित बन गया है। महापौर का इसी मार्ग से नियमित आना-जाना होता है, बावजूद इसके अतिक्रमण पर चुप्पी उनके प्रशासनिक रवैये पर सवाल खड़े कर रही है।

शहर के प्रमुख और व्यस्ततम चौकों पर अवैध कब्जा धारियों द्वारा बेरोकटोक दुकानदारी की जा रही है, जो न केवल यातायात में बाधा बन रही है, बल्कि दुर्घटनाओं को भी न्यौता दे रही है। इसके बावजूद निगम द्वारा केवल प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सख्त कार्रवाई के निर्देश देने की बातें की जा रही हैं, जिनका धरातल पर कोई ठोस असर नहीं दिखाई दे रहा।
शहर में बढ़ते अतिक्रमण यह स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि महापौर अलका वाघमार की कथित सख्ती और निगम की कार्रवाई में गंभीर अंतर है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या अतिक्रमण के खिलाफ महापौर की कार्रवाई केवल दिखावा है?