
दुर्ग। शासकीय विज्ञान महाविद्यालय दुर्ग के संस्कृत विभाग द्वारा रुसा 2.0 के अंतर्गत एक दिवसीय विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट विद्वान डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने संस्कृत साहित्य की प्रासंगिकता एवं विविध आयामों पर रोचक तथा प्रेरणादायी व्याख्यान प्रस्तुत किया।

अपने संबोधन में डॉ. शर्मा ने संस्कृत भाषा को भारतीय संस्कृति की आत्मा बताते हुए विद्यार्थियों को इसके अध्ययन हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने साहित्य में निहित नैतिक, दार्शनिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण की विस्तृत व्याख्या की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 11 सितम्बर का दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसी दिन स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में भारतीय संस्कृति का परचम लहराया था।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. जगजीत सिंह सलूजा ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में संस्कृत को विशेष महत्व दिया गया है, जिससे विद्यार्थियों का भविष्य और अधिक उज्ज्वल बनेगा। इस अवसर पर मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रचित श्रीवास्तव भी उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जैनेंद्र कुमार दीवान द्वारा किया गया।
इस अवसर पर डॉ महेशचंद्र शर्मा ने प्राचार्य,प्राध्यापकों को स्व लिखित पुस्तकें प्रदान की ।
इसी के साथ प्राचार्य के हाथों बी.ए. प्रथम, तृतीय एवं पंचम सेमेस्टर के विद्यार्थियों को डॉ शर्मा द्वारा लिखित संस्कृत पुस्तकों का वितरण किया गया। विद्यार्थियों ने इसे ज्ञानवर्धक व प्रेरणादायी उपहार के रूप में स्वीकार किया।
संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ और विद्यार्थियों ने संस्कृत साहित्य के अध्ययन के प्रति गहरी रुचि एवं उत्साह प्रदर्शित किया।