यमन में भारतीय नर्स को फांसी: निमिषा प्रिया की 16 जुलाई को होगी फांसी

Spread the love

9 जुलाई 2025

परिचय

केरल की 37 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। निमिषा को 2017 में गिरफ्तार किया गया था और 2018 में स्थानीय अदालत ने उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई थी, जिसे यमन के सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में बरकरार रखा।

मामला और दोषसिद्धि

निमिषा प्रिया, जो पलक्कड़, केरल की रहने वाली हैं, 2008 में अपने दिहाड़ी मजदूर माता-पिता की मदद करने के लिए यमन गई थीं। उन्होंने वहां कई अस्पतालों में काम किया और 2015 में तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक क्लिनिक शुरू किया। उनके परिवार के अनुसार, तलाल के साथ वित्तीय अनियमितताओं को लेकर विवाद हुआ, जिसके बाद निमिषा ने कथित तौर पर तलाल को बेहोशी का इंजेक्शन दिया ताकि अपना पासपोर्ट वापस ले सकें, जो तलाल ने जब्त कर लिया था। इस दौरान इंजेक्शन की अधिक मात्रा के कारण तलाल की मृत्यु हो गई। निमिषा और एक यमनी महिला, हनान, पर शव को टुकड़ों में काटकर पानी की टंकी में फेंकने का भी आरोप है।

मृत्युदंड और अपील

निमिषा को 2017 में गिरफ्तार किया गया और 2020 में सना की एक अदालत ने उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई। उनकी अपील को यमन के सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने 2023 में खारिज कर दिया। 30 दिसंबर 2024 को यमनी राष्ट्रपति राशद अल-अलिमी ने उनकी मृत्युदंड की सजा को मंजूरी दी। जेल अधिकारियों ने निमिषा को 16 जुलाई की निश्चित फांसी की तारीख के बारे में सूचित कर दिया है।

ब्लड मनी और बचाव के प्रयास

यमन के शरिया कानून के तहत, पीड़ित के परिवार के पास दोषी को माफ करने और ब्लड मनी स्वीकार करने का अधिकार है। निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल और सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम भास्करन पीड़ित परिवार के साथ ब्लड मनी की बातचीत कर रहे हैं। परिवार ने 8.67 करोड़ रुपये की मांग की है, और काउंसिल ने 10 लाख अमेरिकी डॉलर की पेशकश की है, लेकिन अभी तक सहमति नहीं बनी है। सैमुअल ने कहा कि वह यमन में पीड़ित परिवार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के लिए जा रहे हैं।

भारत सरकार और परिवार की कोशिशें

भारत सरकार इस मामले पर नजर रख रही है और स्थानीय अधिकारियों व निमिषा के परिवार के साथ संपर्क में है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार निमिषा को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। निमिषा की मां, प्रेमा कुमारी, जो कोच्चि में घरेलू कामगार हैं, पिछले एक साल से यमन में डेरा डाले हुए हैं और अपनी बेटी को बचाने के लिए प्रयास कर रही हैं।

अंतिम उम्मीद

हालांकि फांसी की तारीख तय हो चुकी है, फिर भी निमिषा को बचाने की उम्मीद बाकी है। यदि पीड़ित परिवार ब्लड मनी स्वीकार कर लेता है या माफी दे देता है, तो निमिषा की जान बच सकती है। निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल अगले दो दिनों में पीड़ित परिवार से संपर्क करने की योजना बना रही है। भारत सरकार से भी इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× How can I help you?