
सरगुजा 30 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल किस हद तक बदहाल है, इसकी बानगी सरगुजा में देखी जा सकती है। यहां सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चपरासी मरीजों को दवा वितरण कर रहा है। ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य केंद्र में फार्मासिस्ट की पोस्टिंग नही है, यहां पदस्थ फर्मासिस्ट ड्यूटी टाइम में अपने मेडिकल स्टोर का संचालन करते है। स्वास्थ्य केंद्र में चल रहे इस भर्रासाही का जब वीडियों वायरल हुआ, तो अब सीएमएचओं जांच के बाद कार्रवाई की दलील दे रहे है।
छत्तीसगढ़ में सरकार भले ही बदल गयी है, लेकिन सरकारी विभागों में भर्रासाही और मनमानी आज भी जारी है। और जब बात स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ जाये तो ये मनमानी गंभीर हो जाती है। जीं हां कुछ ऐसा ही मामला अंबिकापुर जिला के मैनपाट ब्लाॅक में स्थित कमलेश्वरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य का सामने आया है। इस केंद्र में प्यून मरीजों को दवाएं बांटता है। शनिवार को जब एक मरीज ने दवा बांट रहे प्यून से गलत दवा देने को लेकर सवाल किया, तब उसने कह दिया कि वह ये काम पहले से ही कर रहा है और वह दवाएं देना जानता है।
बात यहीं खत्म नही हुई स्वास्थ्य केंद्र के प्यूने आगे कह दिया कि अगर आपको मेरी बात पर यकीन नही है तो जाकर स्वास्थ्य केंद्र के फार्मासिस्ट रामसेवक से पूछ लो, मैं यही काम करता हूं। आरोप है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ फार्मासिस्ट मैनपाट के कमलेश्वरपुर चौक में खुद की दवा दुकान चलाता है और कभी हॉस्पिटल नहीं आता है। यहीं वजह कि उसने स्वास्थ्य केंद्र के प्यून को दवा देने की जिम्मेदारी दे रखी है।
अस्पताल पहुंचे मरीज ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियोें बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। वीडियों वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन फानन में सीएमएचओं डा. प्रेम सिंह मार्को का अपना बयान जारी करना पड़ा। उन्होने इस मामले में नोटिस जारी कर जांच करने की दलील दे दी। ये कोई पहला मामला नही है, स्वास्थ्य विभाग में मरीजों की जान से खिलवाड़ के ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके है। बावजूद इसके अफसर और जनप्रतिनिधि ऐसे गंभीर प्रकरणों को लेकर संजीदा नजर नही आ रहे है।