
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। बिलासपुर में लोक निर्माण विभाग (PWD) की उप अभियंता भर्ती परीक्षा के दौरान एक हाईटेक नकल कांड सामने आया है, जिसमें छात्राओं ने आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की।
“मुन्ना भाई” नहीं, यहां निकलीं “मुन्नी बहनें”, जो बॉडी कैमरा, वॉकी-टॉकी और मोबाइल के जरिए नकल करने की कोशिश कर रही थीं। लेकिन इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश किया कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के दो सदस्यों—विकास सिंह और मयंक सिंह गौतम ने।
घटना का विवरण:
सरकंडा स्थित शासकीय रामदुलारे बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में परीक्षा केंद्र बनाया गया था। परीक्षा सुबह 10:00 से 12:15 तक चली। इस दौरान, एक छात्रा अंदर परीक्षा दे रही थी जबकि उसकी सहेली परीक्षा केंद्र के बाहर टेम्पो में बैठकर वॉकी-टॉकी के जरिए उसे उत्तर बता रही थी। अंदर की छात्रा ने अपने अंतर्वस्त्रों में बॉडी कैमरा छिपा रखा था जिससे प्रश्नों को बाहर भेजा जा रहा था और उत्तर वापस वॉकी-टॉकी के जरिए अंदर भेजे जा रहे थे।
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को सूचना मिली थी कि नकल के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग हो रहा है। उन्होंने केंद्र के बाहर निगरानी की और छात्रा को रंगे हाथ पकड़ा। प्रारंभ में संदेहास्पद छात्रा ने सहयोग नहीं किया, लेकिन परीक्षा समाप्त होने के बाद जब अंदर की छात्रा बाहर निकली तो उसे पकड़ लिया गया। तलाशी के दौरान उसके अंतर्वस्त्रों से बॉडी कैमरा और माइक बरामद हुआ।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार पर जोरदार तंज कसा। उन्होंने “वाह! विष्णुदेव जी! वाह” कहते हुए सोशल मीडिया पर लिखा:
“तावड़े की पाठशाला” से लौटते ही “परीक्षा घोटाला” से शुरुआत कर दी.
सुशासन में वॉकी-टॉकी, बॉडी कैमरा और ईयर पीस के माध्यम से “मोदी की गारंटी” पूरी हो रही है.
उन्होंने इस घटना को #BJP_PWD_Exam_Scam हैशटैग के साथ साझा किया और छात्रों-युवाओं से आवाज़ उठाने की अपील की।
NSUI की मांग:
एनएसयूआई नेताओं ने मांग की है कि इस पूरे घोटाले की निष्पक्ष जांच हो, दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए परीक्षा प्रणाली को और मजबूत किया
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