महासमुंद SP को हाईकोर्ट का अवमानना नोटिस, बर्खास्त कांस्टेबल की बहाली में देरी का आरोप

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रायपुर/बिलासपुर, 13 जुलाई:

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर ने महासमुंद के पुलिस अधीक्षक (SP) आशुतोष सिंह को बर्खास्त कांस्टेबल नरेंद्र कुमार यादव की बहाली के आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना नोटिस जारी किया है। यह नोटिस न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल द्वारा 8 जुलाई, 2025 को अवमानना प्रकरण संख्या 968/2025 के तहत जारी किया गया।

मामले का विवरण

नरेंद्र कुमार यादव, जो पार्वती नगर, गुढ़ियारी, रायपुर के निवासी हैं और पूर्व में महासमुंद जिले में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे, को पुलिस विभाग ने सेवा से बर्खास्त कर दिया था। उच्च न्यायालय ने 21 फरवरी, 2025 को उनकी बर्खास्तगी के आदेश को रद्द करते हुए उनकी बहाली का निर्देश दिया था। हालांकि, 90 दिनों की अनुपालन अवधि बीत जाने के बावजूद बहाली नहीं हुई, जिसके बाद यादव ने अपने वकीलों अभिषेक पांडे और स्वाति कुमारी के माध्यम से अवमानना याचिका दायर की।

याचिकाकर्ता का आरोप

नरेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि SP आशुतोष सिंह ने जानबूझकर उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की, जिसके कारण उन्हें मानसिक और पेशेवर नुकसान उठाना पड़ा। उनके वकीलों ने तर्क दिया कि भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अक्सर अदालत के आदेशों की अनदेखी करते हैं, जिससे याचिकाकर्ताओं को प्रणालीगत उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। वकीलों ने न्यायालय की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 12 का हवाला देते हुए दंडात्मक कार्रवाई की मांग की, जिसमें अदालत के आदेशों की अवज्ञा करने पर छह महीने की कैद, 2,000 रुपये का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।

हाईकोर्ट की कार्रवाई

उच्च न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SP आशुतोष सिंह को अवमानना नोटिस जारी किया और उनसे प्रक्रियात्मक मानदंडों के अनुसार जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता ने कहा, “SP की ओर से आदेश की अवहेलना न केवल मेरे लिए, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया के लिए भी अपमानजनक है।”

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