दुर्ग, 29 अप्रैल । हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग ने शैक्षणिक और अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करते हुए अंतर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय शैक्षिणक संस्थान के साथ अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने हेतु एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए हाल ही में चार प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ सहयोग ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। जिनमें University of Agder (नॉर्वे), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (IGNTU), अमरकंटक (म.प्र.) और स्वदेशी शोध संस्थान, नई दिल्ली शामिल है। इन समझौतों का मुख्य उद्देश्य अनुसंधान, संयुक्त शोध परियोजनाओं, शैक्षणिक नवाचार, कौशल विकास गतिविधियों को बढ़ावा देना, स्टार्टअप संवर्धन, पर्यावरणीय संतुलन, सतत् विकास, छात्र एक्सचेंज कार्यक्रमों तथा भारतीय ज्ञान परंपरा के संरक्षण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग करना है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त करने, अकादमिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों में भाग लेने और नवाचार आधारित शिक्षा एवं शोध के अवसर मिलेंगे। यह पहल न केवल विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं को वैश्विक मंचों पर प्रतिस्पर्धी बनाने का अवसर भी प्रदान करेगी।
इस अवसर पर कुलपति, प्रो. (डॉ.) संजय तिवारी ने कहा कि यह पहल विश्वविद्यालय को ‘विजन 2047’ के सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा लक्ष्य है कि हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा और अनुसंधान का एक उत्कृष्ट केंन्द्र बनाया जाये। समझौते के तहत अनुसंधान कार्यशालाओं, अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों, छात्र एवं संकाय आदान-प्रदान कार्यक्रमों और नवाचार परियोजनाओं के आयोजन की योजना बनाई गई है। यह पहल निश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शोधार्थियों और संकाय सदस्यों के लिए वैश्विक स्तर पर सीखने और नेतृत्व करने के नए अवसर प्रदान करेगी साथ ही इन सहयोगों से विश्वविद्यालय को अनुसंधान उत्कृष्टता, शैक्षणिक नवाचार तथा वैश्विक नेटवर्किंग में नई ऊंचाईयाँ प्राप्त होंगी। हमारा उद्देश्य है कि ‘विजन 2047’ के अनुरुप एक आत्मनिर्भर, नवाचारी और विश्व स्तरीय शैक्षणिक केन्द्र स्थापित हो।
समझौतों के अंतर्गत विभिन्न संयुक्त संगोष्ठियों, कार्यशालाओं, स्टार्टअप सहयोग, स्वदेशी शोध तकनीकी नवाचार को लेकर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। इसके साथ ही पर्यावरणीय संतुलन, सतत विकास, कौशल प्रशिक्षण एवं भारतीय ज्ञान परम्परा को बढ़ावा देने पर भी कार्य किया जायेगा। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि से हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग ने वैश्विक शैक्षणिक जगत में अपनी उपस्थिति को और अधिक सुदृढ़ किया है। विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इस बहुआयामी शैक्षणिक विस्तार से विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षणिक, शोध तथा सामाजिक दायित्वों को नई दिशा दी है।