गजपल्ला वाटरफॉल हादसा: 22 घंटे बाद मिली महविश खान की लाश, मधुमक्खियों के हमले के बीच चला रेस्क्यू ऑपरेशन

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गरियाबंद, 16 जुलाई 2025।गरियाबंद के प्रसिद्ध गजपल्ला वाटरफॉल में रायपुर की 19 वर्षीय युवती महविश खान की मौत का मामला दर्दनाक मोड़ पर पहुंचा। लगातार 22 घंटे की मशक्कत के बाद SDRF, पुलिस, नगर सेना, वन विभाग और स्थानीय गोताखोरों की 60 सदस्यीय टीम ने महविश का शव वाटरफॉल की गहराई में चट्टानों के बीच से बरामद कर लिया।

 रायपुर से दोस्तों के साथ घूमने आई थी महविश

महविश खान रायपुर के राजापारा क्षेत्र की रहने वाली थी और कल अपने 7 साथियों के साथ गरियाबंद के गजपल्ला वाटरफॉल घूमने आई थी। दुर्भाग्यवश, वह वाटरफॉल के गहरे पानी में डूब गई, और घंटों की तलाश के बाद भी उसका पता नहीं चल पाया।रेस्क्यू टीम ने वाटरप्रूफ कैमरे की मदद से 10 फीट की गहराई तक शव को खोजने की कोशिश की, लेकिन तकनीकी सीमाओं के कारण सफलता नहीं मिली। इसके बाद अनुभवी गोताखोरों ने 20 फीट की गहराई में जाकर चट्टानों के बीच फंसे महविश के शव को खोज निकाला।

मधुमक्खियों का हमला बना चुनौती

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मधुमक्खियों ने हमला कर दिया, जिससे तीन स्थानीय मददगार घायल हो गए और ऑपरेशन करीब एक घंटे तक बाधित रहा। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में दर्जनों मधुमक्खियों के छत्ते हैं, जो टीम के लिए खतरा बन गए थे।पांडुका थाना प्रभारी जय प्रकाश नेताम ने बताया कि मामले में मर्ग कायम कर लिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। रायपुर से आए महविश के परिजन और रिश्तेदार बड़ी संख्या में घटनास्थल पर मौजूद थे, जहां का माहौल बेहद गमगीन रहा।

 प्रशासन ने चिंगरापगार वाटरफॉल पर लगाया प्रतिबंध

इस हादसे के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। चिंगरापगार वाटरफॉल पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है। डीएफओ लक्ष्मण सिंह के निर्देश पर प्रतिबंध संबंधी बोर्ड लगाए गए हैं और प्रवेश द्वारों पर वन विभाग के जवान तैनात कर दिए गए हैं।

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