छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। इस सिस्टम से अब सरकारी दफ्तरों में फाइलें किस अधिकारी के पास हैं और क्यों लंबित हैं, इसकी पूरी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। अफसरों को अब जवाबदेह बनना होगा क्योंकि फाइल मूवमेंट से लेकर पेंडेंसी तक सब कुछ सिस्टम में दर्ज होगा।—
सरकारी दफ्तरों में फाइलों का ‘खेल’ खत्म
अब तक सरकारी कार्यालयों में फाइलों का समय पर न मिलना, जानबूझकर लटकाना और कई बार गुम हो जाना आम समस्या रही है। इससे कामकाज प्रभावित होता था और आम नागरिकों को परेशानी होती थी। ई-ऑफिस के आने से अब यह सब बीते दिनों की बात होगी।—
अफसरों को दी जा रही ट्रेनिंग
सभी विभागों में ई-ऑफिस को लेकर तेजी से काम हो रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रत्येक विभाग में ई-ऑफिस नोडल अफसर नियुक्त किए गए हैं। अफसरों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे फाइलों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सही तरीके से संचालित कर सकें।-
–अप्रैल से पूरी तरह लागू होगा
ई-ऑफिससरकार ने निर्देश दिया है कि अप्रैल से ई-ऑफिस को हर विभाग में अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। फाइलों की स्थिति, मूवमेंट और देरी का कारण अब एक क्लिक में पता चल सकेगा। अधिकारी भी यह नहीं कह पाएंगे कि फाइल कहां है। जनता और उच्च अधिकारी दोनों ही फाइलों की स्थिति ऑनलाइन देख सकेंगे।
—भ्रष्टाचार पर लगेगा ब्रेक
ई-ऑफिस के जरिए फाइलों की ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग होने से अफसरों की जवाबदेही तय होगी और भ्रष्टाचार की आशंका कम होगी। सिस्टम में फाइलों की एंट्री, मूवमेंट, और निपटान का पूरा रिकॉर्ड रहेगा, जिसे कभी भी चेक किया जा सकेगा। इससे पारदर्शिता और कार्यक्षमता दोनों में सुधार होगा।–
-मुख्य बातेंई-
ऑफिस से फाइलों की लाइव ट्रैकिंगअफसरों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण जारीसामान्य प्रशासन विभाग बना नोडल विभागअप्रैल से सभी विभागों में अनिवार्य रूप से लागूभ्रष्टाचार पर रोक और जवाबदेही सुनिश्चित***