दुर्ग: चप्पल के सहारे आरोपी तक पहुंची पुलिस: ITBP के एएसआई और तीन जवानों का पिस्टल और मैगजीन उड़ा ले गया था चोर

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रायपुर। हटिया-दुर्ग एक्सप्रेस ट्रेन से हुई आईटीबीपी जवानों की पिस्टल और कारतूस चोरी का मामला आखिरकार सुलझ गया। जीआरपी की टीम ने एसपी रेल श्वेता सिन्हा के निर्देशन में चलाए गए अनोखे अभियान में 1000 लोगों की चप्पलों की जांच की और इसी आधार पर आरोपी को दबोच लिया। आरोपी के पास से चोरी हुई पिस्टल, कारतूस, मैगजीन और नकद राशि बरामद की गई।

4 सितंबर को आईटीबीपी के सहायक उपनिरीक्षक योगेंद्र प्रसाद ओझा और उनके तीन साथी हटिया-दुर्ग एक्सप्रेस ट्रेन के जनरल कोच से ड्यूटी पर जा रहे थे। उनकी ड्यूटी डोंगरगढ़ में लगी थी जिसके लिए वह दुर्ग से डोंगरगढ़ तक सफर कर रहे थे। सफर के दौरान देर रात 3 बजे के बाद चारों की आंख लग गई। इस दौरान उनका बैग चोरी हो गया। इस बैग में 9 एमएम की ऑटोमेटिक पिस्टल, 24 कारतूस, 4 खाली मैगजीन, 10 हजार रुपये नकद, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज रखे थे। चोरी की शिकायत जीआरपी थाने में दर्ज कराई गई। वही घटना की जानकारी लगते ही एएसआई समेत चारों को निलंबित कर दिया गया।

सीसीटीवी फुटेज से सुराग

जांच में सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। फुटेज में आरोपी को बैग लेकर बाहर निकलते देखा गया, पर उसका चेहरा साफ नहीं दिखा, लेकिन उसका चप्पल स्पष्ट दिखाई दे रही थी। पुलिस के पास सुराग के रूप में केवल आरोपी की चप्पलें थीं, जिन्हें आधार बनाकर जांच शुरू की गई।

चप्पल से हुई पहचान

रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भाटापारा, चांपा, डोंगरगढ़, राजनांदगांव रेलवे स्टेशन परिसर और आसपास विशेष अभियान चलाया गया। करीब 1000 लोगों की चप्पलों की जांच की गई। इसी दौरान बलौदाबाजार जिले के ग्राम खम्हरिया थाना भाटापारा ग्रामीण निवासी रंजीत मरकाम की चप्पलें सीसीटीवी से मेल खा गईं और जीआरपी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी ने चोरी से पहले देखा जवानों को हिला कर

पूछताछ में आरोपी ने चोरी की बात स्वीकार की। आरोपी रंजीत मरकाम ने जीआरपी की पूछताछ में बताया कि आईटीबीपी के जवान जिस कोच में सफर कर रहे थे उसी कोच में वह भी था। उसने जवानों को बैग रखते हुए देखा था और वह जानता था कि यह जवानों का बैग है। बैग उठाने से पहले उसने बर्थ पर सो रहे जवानों को हिला कर उठाने की कोशिश की, पर दोनों जवान नहीं उठे। तब वह बैग लेकर वहां से फरार हो गया। उसके पास से केवल 700 रुपये नकद मिले। बाकी रकम और सामान खर्च तथा छुपा दिया गया था।

कानूनी कार्रवाई

जीआरपी ने आरोपी के खिलाफ धारा 305 (सी) BNS के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

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