
ईरान और इस्राइल के बीच प्रत्यक्ष संघर्ष, सबसे घातक चरण में प्रवेश कर गया है। एक दूसरे पर हमलों के बाद आज इस्राइल के शहरों में कम से कम 10 लोग मारे गए और तेहरान में एक तेल डिपो में भीषण आग लग गई। दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष का यह लगातार तीसरा दिन है। जान-माल के नुकसान और बढ़ती क्षेत्रीय अस्थिरता के बीच दोनों देशों की सरकारों ने आगे और कार्रवाई करने की बात कही है।
इस्राइल में आपातकालीन सेवाओं के दल मलबे में फंसे सात लोगों को खोजने में लगे हैं। हालांकि लगातार रॉकेट दागे जाने से बचाव प्रयासों में बाधा आ रही है। शुक्रवार को ईरान द्वारा मिसाइल हमले शुरू करने के बाद से इस्राइल के तीन सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं। मध्य और उत्तरी इस्राइल में अस्पताल पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। आवासीय भवनों पर सीधे हमलों के कारण इस्राइल के शहरों में हवाई हमले के सायरन बजते रहे। हाइफ़ा के पास तामरा में, आपातकालीन दल ने ध्वस्त दो मंजिला मकान से जीवित बचे लोगों को निकालने का काम किया।
हूती विद्रोहियों ने संघर्ष में शामिल होने की घोषणा की है। इससे इस क्षेत्रीय संघर्ष के और व्यापक रूप लेने की आशंका है। इस्राइल के खुफिया अभियान में ईरान के तीन शीर्ष कमांडर और दो परमाणु वैज्ञानिक मारे गए थे।
हालांकि, इस दौरान किसी भी परमाणु दुर्घटना की सूचना नहीं मिली है, लेकिन संवेदनशील स्थलों को हुए नुकसान के कारण संभावित विकिरण और रासायनिक जोखिम को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता व्यक्त की गई है।
ईरान के हालिया हमले हाइफा और तेल अवीव के पास के क्षेत्रों पर केंद्रित थे, इससे पहले इस्राइल ने ईरान के नागरिक बुनियादी ढांचे और ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर बमबारी की थी। “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नामक इस्राइल के अभियान में ईरान के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय और परमाणु गतिविधियों से जुड़े स्थानों पर हमले शामिल थे।
दोनों देशों ने सैन्य सेंसरशिप लागू की है और अपने विमान क्षेत्र के कुछ भागों को बंद कर दिया है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंयामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि ईरान ने इस्राइल की संपूर्ण क्षमता का केवल एक अंश ही देखा है।
उधर, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने धमकी दी है कि अगर इस्राइल के हमले जारी रहे तो उनका और कड़ाई से जवाब दिया जाएगा।