आदिवासी मुख्यमंत्री होते हुए भी विश्व आदिवासी दिवस पर नहीं हुआ कार्यक्रम

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Despite having a tribal Chief Minister, no program was organized on World Tribal Day

बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर जिले के कोटा में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में भाजपा सरकार और RSS पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बावजूद राज्य सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस पर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। उनका आरोप है कि सीएम विष्णुदेव साय ने कार्यक्रम के लिए प्रोटोकॉल जारी किया था, लेकिन RSS के आदेश के बाद आयोजन बंद कर दिया गया।

रविवार को डीकेपी हाई स्कूल मैदान में आयोजित सम्मेलन में भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासियों को दिए गए संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है। पेशा कानून, वन अधिकार और पर्यावरण अधिनियम का पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों का रोजगार छीना जा रहा है और उनकी पहचान मिटाने का प्रयास हो रहा है। साथ ही बिजली बिल लगातार बढ़ने से गरीब, किसान और आदिवासी परेशान हैं।

बघेल ने याद दिलाया कि उनकी सरकार ने 9 अगस्त 2019 को विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था और हर साल बड़े कार्यक्रम आयोजित होते थे। लेकिन भाजपा सरकार ने इस बार कोई कार्यक्रम नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में किसानों-आदिवासियों की नहीं, बल्कि व्यापारियों की सरकार है, जो खाद की कालाबाजारी पर भी चुप है।

गौठान योजना पर उन्होंने कहा कि पहले जो योजना सुचारु रूप से चल रही थी, उसे बंद कर दिया गया और अब घटिया स्तर पर फिर शुरू किया जा रहा है। सम्मेलन में लोक कलाकारों ने आदिवासी संस्कृति पर आधारित गीत और नृत्य प्रस्तुत किए। आयोजन में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, पाली-तानाखार विधायक तुलेश्वर मरकाम, विधायक दिलीप लहरिया, अकलतरा विधायक राघेंद्र सिंह, आदिवासी समाज के पदाधिकारी और कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए।

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