
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से इवेंट मैनेजमेंट को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने का प्रस्ताव किया जायेगा। इससे सांस्कृतिक कार्यों में रूचि रखने वाले युवाओं को रोजगार प्राप्ति में सहायता होती है। इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य, लोक गीत, लोक परंपरा के महत्व को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जायेगा।
ये उद्गार छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा, ग्रामोद्योग तथा विधि एवं विधायी कार्य मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने आज शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में व्यक्त किये।

श्री यादव आज महाविद्यालय द्वारा छत्तीसगढ़ के स्थापना के रजत जयंती कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित जॉब फेयर अर्थात् रोजगार मेला, एलुमनी मीट तथा छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में बड़ी संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों महाविद्यालय के एलुमनी तथा शहर के गणमान्य नागरिकों को संबोधित किया।

आयोजन समिति के संयोजक डॉ. ए.के. खान, डॉ. अभिनेष सुराना तथा डॉ. अम्बरीश त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से बताया कि इस अवसर पर आयोजित एलुमनी मीट कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत,
दुर्ग के सभापति जितेन्द्र यादव ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों से आव्हान किया कि महाविद्यालय में आने से पूर्व अपना लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए। लक्ष्य आधारित शिक्षा ही हमें जीवन में आगे बढ़ाती है।
महाविद्यालय जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री शिवेन्द्र सिंह परिहार ने भूतपूर्व विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे संस्था ऋण के रूप में महाविद्यालय के विकास हेतु कुछ न कुछ अवश्य देवें, जिससे आने वाले पीढ़ी हमारा अनुसरण कर सकें।

महाविद्यालय की प्लेसमेंट सेल की संयोजक डॉ. पद्मावती ने बताया कि दुर्ग जिले के कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने रोजगार मेला का अवलोकन किया तथा मेले में 30 से अधिक प्रतिष्ठिानों की सहभागिता पर प्रसन्नता व्यक्त की। डॉ. पद्मावती के अनुसार आज आयोजित रोजगार मेला 30 से अधिक प्रतिष्ठिानों के स्टॉल लगे थे, प्रातः 10.00 बजे से शाम 6.00 बजे तक आयोजित रोजगार मेले में 650 से अधिक विद्यार्थी पंजीकृत हुए। मुख्य अतिथि महोदय ने मेले के प्रथम घण्टे में चयनित 10 विद्यार्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि “आज का दिन महाविद्यालय के इतिहास में मील का पत्थर सिध्द होगा, क्योंकि आज आयोजित एलुमनी मीट, रोजगार मेला तथा छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यार्थी अपनी दक्षता का परिचय दे रहे है। “यही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य उद्देश्य है।

एलुमनी मीट कार्यक्रम का संचालन प्रो. प्रशांत श्रीवास्तव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुपमा कश्यप ने किया। इस अवसर पर एमएससी भूगर्भशास्त्र की छात्राएं छवि परमार, लोकेश्वरी तथा जयंती ने सरस्वती वंदना एवं राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। एलुमनी विद्यार्थियों में अपने प्रस्तुति देने वालों में नरोत्तम साहू, श्रीमती दिलिमा मजूमदार कु. पारूल पाण्डेय तथा आशीष देवांगन शामिल थे।


इस अवसर पर हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. अम्बरीश त्रिपाठी द्वारा छत्तीसगढ़ के सफल 25 वर्ष विषय पर केन्द्रित विडियो फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी नृत्य एवं संगीत की छठा देखते ही बनती थी। सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्योति धारकर ने किया। दुर्ग साईस कालेज के साथ-साथ नवीन संगीत महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने पंडवानी, भरथरी, कर्मा आदि नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी।


संगीत महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रिचा ठाकुर के नेतृत्व में संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थियों की बड़ी संख्या में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सहभागिता रही। आज महाविद्यालय परिसर में छत्तीगढ़ी व्यंजनों पर केन्द्रित आनंद मेले का भी आयोजन किया गया था।
महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा निर्मित छत्तीसगढ़ी व्यंजन फरहा, ठेठरी, खुर्मी, चीला, अड़हर की खड़ी आदि का प्राचार्य, प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने खूब आनंद लिया। इन सभी आयोजनों में महाविद्यालय के कैरियर एव प्लेसमेंट सेल, सांस्कृतिक समिति तथा भूतपूर्व छात्र परिचर्चा आयोजन समिति के सदस्यों का उल्लेखनीय योगदान रहा।

