छत्तीसगढ़ में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल: 1971 के बाद! *पहली बार देशव्यापी अभ्यास

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छत्तीसगढ़ में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल: 1971 के बाद पहली बार देशव्यापी अभ्यास

7 मई 2025 को, भारत 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहली बार एक देशव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करेगा। गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा शुरू की गई इस व्यापक कवायद का उद्देश्य संभावित युद्धकालीन आपात स्थितियों के लिए देश की तैयारी का आकलन और उसे मजबूत करना है।

मुख्य बिंदु:

देशभर में आयोजन: यह मॉक ड्रिल देश के सभी 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 244 जिलों में की जाएगी, जिसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है।

तैयारी की व्यापक जांच: इस अभ्यास के दौरान एयर रेड सायरन, ब्लैकआउट, नागरिकों की निकासी, कंट्रोल रूम और शैडो कंट्रोल रूम की कार्यक्षमता की जांच की जाएगी।

नागरिकों को प्रशिक्षण: आम नागरिकों, खासकर छात्रों को सिविल डिफेंस की प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे आपातकालीन स्थितियों में तैयार रह सकें।

प्रसंग और महत्व:

यह कवायद हाल की सुरक्षा चिंताओं, विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की जा रही है, जिसमें 26 आम नागरिकों की जान गई थी।

छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि “समय और परिस्थितियां अनिश्चित होती हैं,” और ऐसे अभ्यासों को आवश्यक बताया जो आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

यह मॉक ड्रिल भारत की सिविल डिफेंस व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे अधिकारी और आम नागरिक दोनों किसी भी आपात स्थिति में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो सकें।

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